देश आज 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, इस मौके पर युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने वीडियो संदेश के जरिए अहम घोषणाएं की। उन्होंने देशवासियों को स्ववतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा- स्वतंत्रता एक घटना नहीं होती बल्कि एक प्रक्रिया होती है, मानसिक गुलामी की बेड़ियां तोड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा- युवा हल्ला बोल अब जिला स्तर पर इकाईयों का गठन करने जा रहा है, अनुपम ने कहा कि अब जिम्मेदारियां तय करने का वक्त है।
दरअसल पिछले कुछ महीनों से युवा हल्ला बोल की टीम नौकरी के मुद्दे को विभिन्न सरकारों के सामने उठाया और कई जगहों पर कामयाबी मिली। ऐसे में तमाम लोगों ने जिला स्तर पर टीम बनाने की मांग की ताकि उनकी आवाज को और ताकत मिल सके, टीम ने इसकी घोषणा कर दी। युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम बताते हैं, हमारी टोली देश के अधिकांश राज्यों को कवर कर रही है। कोरोना की वैश्विक महामारी में टोली ने जिस प्रबंधन के साथ लोगों की जान बचाई है, वह केंद्र और राज्य सरकारों के लिए अनुकरणीय है।
सरकार के पास तमाम संसाधन हैं, अगर वह हमारी ‘टोली’ की तरह प्रबंधन पर ध्यान दें तो कोरोना से जंग जीती जा सकती है। बता दें कि कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने का अभियान शुरु करने से पहले ‘युवा हल्लाबोल’ संगठन केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों में सरकारी नौकरियों को लेकर हो रही धांधली या परीक्षाओं में दूसरी तरह की अनियमितता के मुद्दे पर लगातार आवाज बुलंद करता रहा है।
कोरोनाकाल में इस संगठन के कई सदस्यों के परिजन भी संक्रमण की चपेट में आ गए। इसके बावजूद कोरोना वायरस से ग्रसित लोगों की मदद के लिए 130 युवाओं की एक विशेष टोली तैयार हो गई। अप्रैल में इस टोली ने अपना काम शुरु कर दिया। बतौर अनुपम, चूंकि हमारे पास कोई संसाधन नहीं था।
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आखिर हम इसी देश के वासी हैं। हमारी आंखों के सामने लोग दम तोड़ रहे हैं। श्मशान घाटों के बाहर एक लंबी लाइन में शव रखे हुए हैं। सरकारी नौकरी लेने के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले युवा साथ आ गए। बैठक हुई और यह तय कर लिया गया कि चाहे जो भी हो, लोगों की हर संभव मदद की जाएगी।