सोना बाथ (Sona Bath) एक ऐसा कमरा होता है जिस में गरम चट्टानों पर फव्वारों द्वारा पानी डाला जाता है, जिस से कमरे में भाप पैदा होती है. कमरे में अपनी जरूरत के अनुसार तापमान को कम या अधिक किया जा सकता है. सोना बाथ का प्रयोग रिलैक्सेशन के अलावा औषधीय रूप में भी किया जाता है.
सोना बाथ (Sona Bath) त्वचा के रोमछिद्रों को खोल कर शरीर के टौक्सिंस को निकाल कर शरीर में रक्तसंचार को बेहतर और त्वचा को स्वस्थ व चमकदार बनाता है. त्वचा की मृतकोशिकाओं को हटा कर तन को अधिक युवा दिखाने में मदद करता है.
फिक्स्ड सोना बाथ रूम सर्वोत्तम रहता है. इस सब से अच्छी क्वालिटी के पाइनवुड का प्रयोग किया जाता है. इस के वुडपैनल में टंग व ग्रूव जौइंट्स होते हैं, जो एक्सपैंशन व कौंटै्रक्शन का ध्यान रखते हैं. सोना रूम की एक्सैसरीज में सैंड टाइमर, वाटरकिट, लैडल, हीटर गार्ड, टौवल रैक्स, रोवहुक्स, हैडरैस्ट व लाइट कवर पाइनवुड के बने स्पीकर बौक्स होते हैं.
सोना बाथ ट्रीटमैंट माइंड व बौडी दोनों के लिए रिलैक्सिंग व पैंपरिंग करने वाला है, यह मानना है ब्यूटी एक्सपर्टों का. उन का मानना है कि सोना बाथ में शरीर से पसीना निकलता है और त्वचा के रोमछिद्र खुलते हैं, जिस से त्वचा की डीप क्लींजिंग व टोनिंग होती है.
सोना बाथ के फायदे :सोना बाथ मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में भी लाभप्रद सिद्ध होता है, क्योंकि गरम भाप से रक्तसंचार बढ़ता है और शरीर की मांसपेशियां तनावरहित होती हैं. सोना बाथ उन लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है, जिन्हें अनिद्रा की शिकायत होती है. सोना बाथ रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में भी लाभदायक सिद्ध होता है.
जब हमारे शरीर का तापमान बढ़ता है तब सोना बाथ से हमारे शरीर के वायरस व बैक्टीरिया नष्ट होते हैं और हमें कोल्ड साइनैसिस, ब्रौंकाइटिस व लारेनगाइटिस जैसी बीमारियों से भी नजात मिलती है. कुछ लोगों के लिए सोना बाथ जहां स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी होता है, वहीं कुछ लोग सोना बाथ का प्रयोग मानसिक शांति व खूबसूरती के लिए भी करते हैं.