उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कार्यरत वे कर्मचारी जिनकी कोरोना से मौत हुई है, राज्य सरकार उनके आश्रितों को अनुग्रह धनराशि 30 लाख रुपये देगी। सरकार (Yogi government) ने यह निर्णय कैबिनेट बाई सर्कुलेशन लिया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने अनुग्रह धनराशि जो 15 लाख रुपये थी, उसे बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया है।
प्रवक्ता ने बताया कि ड्यूटी अवधि की जो परिभाषा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित की गई है, जिसके आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई अवधि में कोविड-19 की वजह से होने वाले संक्रमण व इसके फलस्वरूप होने वाली मृत्यु में जो समय लगता है, उसका ध्यान नहीं रखा गया है। अतः अनुग्रह धनराशि को पात्रता के लिए निर्वाचन ड्यूटी की तिथि से 30 दिन के अन्दर कोविड-19 की वजह से होने वाली मृत्यु को पात्रता में लाया गया है।
निर्णय के अनुसार निर्वाचन ड्यूटी की तिथि से 30 दिन के अन्दर कोविड-19 से मृत्यु की दशा में अनुग्रह धनराशि का भुगतान किया जाएगा। कोविड से मृत्यु के साक्ष्य के रूप में एंटीजन, आरटीपीसीआर की पाजिटिव रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट तथा सीटी स्कैन में कोविड इंफेक्शन को माना जाएगा। कोविड के कुछ मरीजों की कोविड रिपोर्ट निगेटिव आती है और पोस्ट कोविड कांप्लिकेशन से उसकी मृत्यु हो सकती है। इस तरह के मामलों में भी 30 दिन के अंदर मृत्यु होने पर इसका लाभ दिया जा सकता है। कोविड स्टेट एडवाइजरी बोर्ड के अध्यक्ष निदेशक एसजीपीजीआई ने इसकी सहमति दी है।
प्रवक्ता का कहना है कि सरकार के इस निर्णय से पंचायत चुनाव ड्यूटी से संबंधित जिन कार्मिकों की मृत्यु कोरोना से हुई है, वे सभी मुआवजे के दायरे में आ सकेंगे और लगभग सभी पीड़ित परिवारों को 30 लाख रुपये की सहायता मिल सकेगी।