लखनऊ। यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) लखनऊ, काशी और गोरखपुर सहित 14 शहरों का कायाकल्प करने जा रही है। समाज की बदलती जरूरतों के हिसाब से इन शहरों के लिए नया मास्टर प्लान (सिटी डेवलपमेंट प्लान) बनाया जाएगा। इसके अलावा कुछ शहरों के मास्टर प्लान में संशोधन किया जाएगा। इसके लिए सीएम योगी ने निर्देश जारी कर दिए हैं। इस नए मास्टर प्लान के लिए आवास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी प्रस्ताव बनाएगी।
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राज्य सरकार लखनऊ सहित 14 बड़े शहरों का कायाकल्प करेगी। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र काशी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर गोरखपुर भी शामिल है। बढ़ती आबादी, बढ़ते मकान, बढ़ती कार-स्कूटर तथा भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन शहरों के मास्टर प्लान में परिवर्तन करने की अनुमति दी है। इसके तहत 14 बड़े शहरों का नया मास्टर प्लान ( सिटी डेवलपमेंट प्लान) बनेगा. इसके अलावा कुछ शहरों के मास्टर प्लान में संशोधन किया जाएगा।
धार्मिक एवं ऐतिहासिक क्षेत्रों का होगा विकास
सरकार (Yogi Government) के इस मास्टर प्लान में ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व वाले स्थलों के सौंदर्यीकरण एवं संरक्षण के कार्य कराने तथा तालाबों, जलाशयों, झीलों आदि को शामिल करने के साथ ही वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, रिजर्व फॉरेस्ट, पर्यावरण एवं वन और अन्य संरक्षित क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इन बड़े शहरों का सिटी डेवलपमेंट प्लान तैयार कराने के लिए आवास विभाग में कंसल्टेंट का चयन करने की कवायद शुरु हो गई है।
इन शहरों का होगा कायाकल्प
लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, आगरा, मथुरा, बरेली, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और गौतमबुद्धनगर का भविष्य की जरुरतों के आधार पर कायाकल्प किया जाएगा। मुख्यमंत्री का स्पष्ट मत है कि यदि इन 14 शहरों का विकास कराने के साथ ही यहां की ऐतिहासिक धरोहरों का सौंदर्यीकरण एवं संरक्षण कार्य कराए जाने से शहर खूबसूरत दिखेंगे। इससे शहरों में पर्यटन और कारोबार में इजाफा होगा, लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इस सोच के आधार पर ही मुख्यमंत्री ने इन 14 शहरों का सिटी डेवलपमेंट प्लान तैयार कराने के निर्देश दिए हैं।
नए मास्टर प्लान में क्षेत्रीय विकास की योजनाओं को भी शामिल करने का निर्देश दिया गया है ताकि संबंधित शहरों को आने वाले दिनों में किसी तरह की दिक्कत न हो। यहीं नहीं 14 बड़े शहरों के लिए तैयार किये जाने वाले इस मास्टर प्लान में सेना की फायरिंग रेंज को खतरनाक क्षेत्र के रूप में घोषित किया जाएगा।
वर्तमान जरूरतों के हिसाब से नए औद्योगिक क्षेत्र, बस अड्डे, मास्टर प्लान रोड तथा वाटर वर्क्स व एसटीपी, कूड़ा निस्तारण केंद्र सहित अन्य तमाम चीजें भी मास्टर प्लान में चिन्हित होंगी। शहरों में जिन लोगों ने लैंड यूज के विरुद्ध निर्माण कराएं हैं, उनका समायोजन मास्टर प्लान में शासनादेश के मुताबिक ही हो पाएगा। मास्टर प्लान में नदी तटबंध के निर्माण की दशा में नदी किनारे को तटबंध के रूप में ही प्रस्तावित होंगे।