Chief Minister's Global Nagarodaya Yojana

लैब टू लैंड नारे को साकार कर रही योगी सरकार

67 0

लखनऊ । खेतीबाड़ी और इससे जुड़े सेक्टर्स की तरक्की की एक बुनियादी शर्त है। संबंधित सेक्टर्स के एस संस्थाओं में होने वाले शोध कार्य यथा शीघ्र किसानों तक पहुंचे। इसी बाबत कई वर्षों पूर्व “लैब टू लैंड” का नारा दिया गया था। इसमें खेती बाड़ी से जुड़े एक्सटेंशन कर्मियों की महत्त्व पूर्ण भूमिका होती है। किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध योगी सरकार एक्सटेंशन कार्यक्रमों के विस्तार के जरिए इस नारे का साकार कर रही है।किसान कल्याण केंद्र, रबी और खरीफ के सीजन में न्याय पंचायत स्तर पर द मिलियन फार्मर्स कार्यक्रम, प्रदेश से लेकर मंडल और जिला स्तर पर आयोजित कृषि उत्पादक गोष्ठियां इसका प्रमाण हैं।

इस पूरे कार्यक्रम को गति देने में सर्वाधिक अहम भूमिका हर जिले में बने कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके )की भूमिका सबसे अहम होती है। यही वजह है कि योगी सरकार (Yogi Government) ने आते ही यह लक्ष्य रखा कि हर जिले में एक और जरूरत के अनुसार बड़े जिलों में दो कृषि विज्ञान केंद्र होने चाहिए। सात साल पहले तो कई जिलों में ये केंद्र थे ही नहीं। आज इन केन्द्रों की संख्या 89 हैं ।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए 18 केंद्र चयनित

अगले चरण में योगी सरकार (Yogi Government) की योजना क्रमशः इन केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की है। इस क्रम में पहले चरण में दिसंबर 2023 में 18 कृषि विज्ञान केंद्रों का चयन किया गया।इस बाबत 26 करोड़ 36 लाख की परियोजना स्वीकृत करने के साथ 3 करोड़ 57 लाख 88 हजार रुपये की पहली किश्त भी की जारी की गई।

चयन में इस बात का ध्यान रखा गया है कि अलग कृषि विश्विद्यालयों से संबद्ध ये केंद्र प्रदेश के हर क्षेत्र से हों। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस चुने जाने के साथ संबंधित केंद्रों की बुनियादी सुविधाएं बेहतर करने के साथ वहां की परंपरा और कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार उनको किस सेक्टर पर अधिक फोकस करना है,इस बाबत भी निर्देश दिए हैं.मसलन गोरखपुर की कृषि जलवायु के मद्देनजर वहां हॉर्टिकल्चर पर फोकस है।

नई तकनीक के जरिए अवैध खनन पर करारी चोट की तैयारी में सरकार

केंद्र के हॉर्टिकल्चर विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर एस पी सिंह के मुताबिक तराई का क्षेत्र होने के नाते यहां बागवानी की अधिक संभावना है। आम, अमरूद और लीची पर अधिक फोकस है। केंद्र में आम की करीब 12 प्रजातियों के पौधों की नर्सरी तैयार की जा रही है। किसानों को अरुणिमा और अंबिका जैसी प्रजातियों की खूबियों से अवगत कराया जा रहा है। ये प्रजातियां रंगीन होने के कारण आकर्षक हैं। साथ ही ऊंचाई कम होने के कारण रखरखाव में भी आसान।इसी तरह क्षेत्र की कृषि जलवायु के मद्देनजर अमरूद की सात प्रजातियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। केंद्र की नर्सरी में करीब दो दर्जन दुर्लभ पौधे भी हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की मंशा केवीके को क्रमशः आत्म निर्भर और रोजगार परक बनाने की है। लिहाजा प्रिजर्वेशन यूनिट में फलों के अंचार ,जैम, जेली,पाउडर बनाने की सुविधा है। इस बाबत सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। बागों के रखरखाव के लिए माली प्रशिक्षण भी इसीकी एक कड़ी है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित होने के बात आधारभूत सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।

जिले जिनके केवीके सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनने हैं

मऊ, बलरामपुर, गोरखपुर सोनभद्र, चन्दौली, बांदा, हमीरपुर, बिजनौर, सहारनपुर, बागपत , मेरठ, रामपुर, बदायूँ ,अलीगढ़, इटावा, फतेहपुर और मैनपुरी । इन सबके लिए पहली किस्त की राशि भी जारी कर दी गई है।

Related Post

cm yogi meeting

निवेशकों को देय इंसेंटिव के मामले न रहें लंबित, तत्काल दिलाएं लाभ: सीएम योगी

Posted by - May 16, 2023 0
लखनऊ। तहसीलों की कार्यप्रणाली में बड़े सुधार की आवश्यकता है। हमें पारदर्शिता, समयबद्धता को लेकर ठोस प्रयास करना होगा। शिकायतों…
AK Sharma

स्वच्छता के प्रति गंभीर है प्रदेश सरकार, केन्द्र की गाइडलाइन्स के अनुसार कार्य कर रही: एके शर्मा

Posted by - September 13, 2024 0
लखनऊ। केन्द्रीय मंत्री, आवास एवं शहरी मंत्रालय मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता की थीम के…