लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Government) स्क्रैप पॉलिसी (Scrap Policy) पर केंद्र सरकार के नए नोटिफिकेशन के तहत एक अप्रैल 2023 से पहले प्रदेश में सभी 15 साल से पुराने वाहनों को स्क्रैप में भेजने के प्रति गंभीरता से प्रयास कर रही है। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकारों के सभी 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करना होगा। नया नियम निगमों और परिवहन विभाग की बस और अन्य गाडि़यों के लिए भी अनिवार्य होगा।
सड़क परिवहन मंत्रालय की मंशा के अनुरूप प्रदेश सरकार 15 वर्ष से ऊपर के निजी वाहनों के साथ-साथ विभागों में लगे पुराने वाहनों को स्क्रैप (Scrap) में बदलने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए माइलस्टोन तय किए गए हैं। माइलस्टोन-1 के अंतर्गत वाहनों की जानकारी हेतु गूगल शीट के साथ 23-01-2023 को जारी आरवीएसएफ में 15 वर्ष या उससे अधिक के शासकीय व अर्धशासकीय वाहनों को कबाड़ करने के संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है। सभी पदाधिकारियों से कहा गया है कि अपने विभाग के 15 वर्ष पुराने वाहनों की जानकारी पांच फरवरी तक अवश्य दे दें ताकि आगे की कार्यवाही पूरी की जा सके।
केंद्र सरकार देगी 300 करोड़ रुपये
इस हिस्से के प्रोत्साहन के लिए 2000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। राज्यों को यह राशि 31 मार्च तक पहले आओ पहले पाओ के आधार पर उपलब्ध होगी। राज्य को इस योजना के तहत प्रोत्साहन अनुदान के लिए पात्र बनने के लिए माइलस्टोन-1 और माइलस्टोन-2 हासिल करना है। प्रत्येक माइलस्टोन को प्राप्त करने के बाद मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे, राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा।
माइलस्टोन-1 में तय हुआ लक्ष्य
माइलस्टोन-1 के अंतर्गत आरवीएसएफ में 15 वर्ष से अधिक पुराने सभी सरकारी स्वामित्व वाले वाहनों को स्क्रैप करने के लिए सरकारी आदेश जारी करना अनिवार्य होगा। यह आदेश राज्य सरकार के सक्षम विभाग द्वारा जारी किया जाना चाहिए। इसके अलावा वाहनों पर मोटर वाहन कर रियायत प्रदान करना और कम से कम एक वर्ष के लिए आरवीएसएफ में रद किए गए पुराने वाहनों पर लंबित देनदारियों की एकमुश्त छूट का अनुदान देना भी सुनिश्चित करना होगा।
माइलस्टोन-2 में पूरा होगा लक्ष्य
माइलस्टोन-2 के अंदर चुनिंदा मानदंडों के अनुसार 15 वर्ष से अधिक पुराने सभी सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग होगी। इसके अंतर्गत रद किए गए वाहनों की कुल संख्या कम से कम राज्य सरकार द्वारा जारी सरकारी आदेश में निर्दिष्ट वाहनों की संख्या के बराबर होनी चाहिए। सभी वाहनों को आरवीएसएफ में ही स्क्रैप किया जाना चाहिए। इन वाहनों की स्क्रैपिंग को सरकारी आदेश में उल्लिखित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाना चाहिए और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (सीओडी) के रूप में स्क्रैपिंग का प्रमाण एमओआरटीएच के साथ साझा किया जाना चाहिए।