लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Government) ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 रुपये प्रति कुंतल बढ़ाकर 1975 रुपये निर्धारित किया है। सोमवार को गेहूं खरीद की नीति को मंजूरी दी गई है। यूपी में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद की जाएगी।
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उत्तर प्रदेश में इस बार गेहूं की खरीद एक अप्रैल से की जाएगी। योगी सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 रुपये प्रति कुंतल बढ़ाकर 1975 रुपये निर्धारित किया है। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए सोमवार को गेहूं खरीद की नीति को मंजूरी दी गई है।
छह हजार केंद्र स्थापित होंगे
गेहूं खरीद की नीति के तहत राज्य में किसानों का पंजीकरण शुरू हो गया है। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए 6000 क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे। वहीं गेहूं खरीद के लिए पहली बार ई-पॉप मशीनों का इस्तेमाल भी किया जाएगा। केंद्र सरकार के एमएसपी जारी करने के साथ ही यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सभी तैयारी के निर्देश दिए थे।
गेहूं खरीद को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने तय किया है कि गेहूं बेचने वाले किसान को अपना अंगूठा मशीन पर लगाना होगा। यदि किसान खुद आने में असमर्थ है तो उसे अपने परिवार के किसी एक सदस्य का आधार नंबर देना होगा। इस बार गेहूं खरीद केंद्रों का लोकेशन जानने के लिए विभाग ने एक ऐप भी विकसित किया है। इससे लोग आसानी से क्रय केंद्र तक पहुंच सकेंगे। ऐप के माध्यम से क्रय केंद्र के प्रभारी, उनका फोन नंबर, केंद्र तक पहुंचने का रास्ता भी जाना जा सकेगा।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने प्रदेश की डिस्टलरियों में काम करने वाले तकनीकी कर्मियों के लिए सेवा नियमावली को मंजूरी प्रदान की है। डिस्टलरियों में ऐसे तकनीकी कर्मचारी शराब व बीयर की गुणवत्ता की जांच करते हैं। आबकारी विभाग द्वारा इस बाबत लाए गए प्रस्ताव के तहत उत्तर प्रदेश आबकारी प्राविधिक सेवा नियमावली 2021 को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से मंजूरी दी गई है।
सिंगल स्टेप डिलीवरी व्यवस्था लागू
कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए खाद्यान्न पहुंचाने के लिए सिंगल स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत राशन की सरकारी दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाने के लिए आसानी होगी। इससे अब एफसीआई के गोदाम से अनाज सीधे दुकानों तक जाएगा। कोटेदारों को घटतौली और वसूली की समस्या से निजात मिलेगी। पूर्व की व्यवस्था में एफसीआई के गोदाम से खाद्यान्न ब्लॉक के गोदामों तक भेजा जाता था। ब्लाक से कोटेदार खुद राशन लेकर जाते थे।
सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म करते हुए सिंगल स्टेप या डोर स्टेप डिलीवरी की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है। खाद्यान्न ढोने के लिए लगाए जाने वाले वाहन जीपीएस से लैस होंगे ताकि उन वाहनों की लोकेशन की जानकारी भी मुख्यालय से ही ली जा सके। खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने डोर स्टेप डिलीवरी योजना लागू की है।