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योगी सरकार शुरू करने जा रही ऑपरेशन चिताला और ऑपरेशन पाब्दा

Fish Chitala

Fish Chitala

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की मंशा के अनुरूप प्रदेश में मत्स्य उत्पादन (Fish Production)  और निषाद समाज के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित हैं। चिताला मछली (Chitala), जोकि उत्तर प्रदेश की राज्य मीन है और फिलहाल विलुप्ति की कगार पर है। इस मछली को राज्य की मुख्य नदियों में तथा मत्स्य पालकों द्वारा तालाबों में संवर्धन किये जाने को लेकर योगी सरकार ने पूरी तरह ध्यान केंद्रित किया है।

चिताला (Chitala) के संवर्धन तथा इसकी बढ़ोत्तरी के लिए राष्ट्रीय मात्स्यकी आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो के सहयोग से रिवररैचिंग के जरिए पुर्नस्थापित किये जाने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय मात्स्यकी आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजीआर) और मत्स्य विभाग के बीच एमओयू किया गया है। प्रथम चरण में अगस्त महीने में अयोध्या में घाघरा, वाराणसी में गंगा तथा आगरा में यमुना नदी में रिवररैचिंग का कार्य किया जाएगा।

प्रथम अत्याधुनिक मॉडल हैचरी के रूप में विकसित होगी गोमती हैचरी

इतना ही नहीं प्रदेश में मत्स्य पालन को अत्याधुनिक तकनीकि से लैस करने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रही योगी सरकार ने राजधानी के बक्कास स्थित गोमती हैचरी मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्र को प्रदेश की प्रथम अत्याधुनिक मॉडल हैचरी के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है। इसके प्रथम चरण में विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया है, जिसकी लागत लगभग दो करोड़ रुपए है। इसमें हाईब्रिड बाउड्री वॉल, नलकूप की स्थापना, परिसर में पैकिंग शेड मय शौचालय का निर्माण, मुख्य हैचरी के बाहर तथा पम्प हाउस के बाहर टीन शेड का निर्माण, सुपर वाइजर क्वाटर, स्टाफ क्वाटर, अतिथि ग्रह भण्डार कक्ष का जीर्णोद्धार कार्य किया गया है।

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पांच स्टेट आफ आर्ट ट्रेनिंग कम डिमांस्ट्रेशन सेन्टर की होगी स्थापना

इसके अलावा 6 करोड़ की लागत से द्वितीय चरण की परियोजना भारत सरकार को स्वीकृत के लिए भेजी गई है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत प्रदेश की 5 हैचरियों जिसमें गोमती हैचरी- लखनऊ, सरयू हैचरी- अयोध्या, त्रिवेणी हैचरी- प्रयागराज, कोंच हैचरी- जालौन, परीक्षितगढ़ हैचरी मेरठ पर स्टेट आफ आर्ट ट्रेनिंग कम डिमांस्ट्रेशन सेन्टर की स्थापना करायी जाएगी। इसके लिए रू 3062.42 लाख का प्रस्ताव भारत सरकार को योगी सरकार की ओर से भेजा जा चुका है।

उच्च मूल्य पर बिकती है पाब्दा मछली

चिताला (Chitala) के साथ ही राष्ट्रीय मात्स्य की आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो के सहयोग से पाब्दा मछली के पालन और सवंर्धन के लिए तकनीकी का विकास किया जायेगा। यह मछली उच्च मूल्य की होने के कारण किसानों की आय दोगुना करने में सहायक सिद्ध होगी। अतः इसके संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मात्स्यकी आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ का सहयोग लिया जायेगा। इसके लिए भी राष्ट्रीय मात्स्यिकी आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ के साथ समझौता ज्ञापन किया गया है।

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