लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के गांव गांव से प्रतिभावान खिलाड़ियों को ढूंढ निकालने और उन्हें ओलम्पिक गेम्स (Mission Olympic Games) के लिए तैयार करने के मिशन में जुट गयी है। सरकार जल्द यूपी की नई खेल नीति 2022 लेकर आ रही है। योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) ने हाल के दिनों में एक के बाद एक विभिन्न सेक्टर्स में ऊर्जा भरने के लिए नई नीतियों को पास किया है। प्रदेश की नई खेल नीति भी इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सरकार प्रतिभावान खिलाड़ियों को वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग और सपोर्ट देने के लिए यूपी खेल विकास कोष का भी निर्माण करेगी, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये के शुरुआती बजट का प्लान तैयार है।
यूपी में स्पोर्ट अथॉरिटी का होगा गठन
अपर मुख्य सचिव खेल, डॉ नवनीत सहगल के अनुसार नई खेल नीति 2022 से ओलम्पिक गेम्स (Olympic Games) में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को अधिक से अधिक पदक जीतने की संभावना बढ़ेगी। सुदूर ग्रामीण अंचलों से खेल प्रतिभाओं को चिह्नित कर उन्हें प्रशिक्षण के साथ खेल से संबंधित सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी।
स्थानीय स्तर पर बहुत से प्रतिभावान खिलाड़ी हैं, जिन्हें प्रशिक्षण के लिए तैयार किया जाएगा। साथ ही यूपी में स्पोर्ट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा तथा प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान भी खोला जाएगा।
बनेंगे 30 हजार नये खेल के मैदान
अपर मुख्य सचिव ने बताया प्रस्तावित खेल नीति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार कराया गया है। इसके तहत प्रदेश के हर गांव में खेल का मैदान स्थापित कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश में लगभग 30 हजार खेल के मैदान हैं, इन्हें दोगुना करके 60 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा प्राइवेट स्पोर्ट्स अकादमियों को भी वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
विदेशी कोचों की नियुक्ति करेगी सरकार
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि नई खेल नीति के अंतर्गत 100 करोड़ रुपए के प्रारंभिक बजट के साथ यूपी खेल विकास कोष बनाया जाएगा। इसका उपयोग खेल उपकरण खरीदने, विदेशी प्रशिक्षण शिविर, फिजियोलॉजिस्ट, मनोवैज्ञानिक और विदेशी कोचों की नियुक्ति के लिए किया जाएगा। हर जनपद में जिला खेल केंद्र भी बनाये जाएंगे।
इसके अलावा राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य व देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण के लिए अगले पांच साल में 14 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। साथ ही हर मंडल में फीजियो ट्रेनर और डायटीशियन की नियुक्ति की जाएगी। छिपी हुई खेल प्रतिभाओं को ढूंढने के लिए हर जिले में टैलेंट सर्च कमेटी का गठन किया जाएगा।