नई दिल्ली। वित्तीय संकट से जूझ रहे Yes बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक ने पैसा निकालने की सीमा निर्धारित कर दी है। इसके तहत खाताधारक अब Yes बैंक से 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकेंगे। निकासी की यह सीमा तीन अप्रैल तक लागू रहेगी।
एक महीने के लिए एसबीआई के पूर्व डीएमडी और सीएफओ प्रशांत कुमार की प्रशासक के रूप में नियुक्ति भी कर दी
इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने Yes बैंक के निदेशक मंडल के अधिकारों पर रोक लगाते हुए एक महीने के लिए एसबीआई के पूर्व डीएमडी और सीएफओ प्रशांत कुमार की प्रशासक के रूप में नियुक्ति भी कर दी है।
पूरी रात एटीएम के सामने खड़े रहे Yes बैंक के ग्राहक
आरबीआई द्वारा मौद्रिक सीमा निर्धारित करने के बाद से Yes बैंक के जमाकर्ताओं को एटीएम से धन निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लंबी कतारों में खड़े ग्राहकों को कहीं मशीनें बंद पड़ी मिलीं तो कहीं एटीएम में धन नहीं था। यस बैंक के ग्राहकों की मुसीबत और बढ़ गई जब उन्हें इंटरनेट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से धन स्थानांतरित करने में भी असुविधा झेलनी पड़ी।
एसबीआई बोर्ड ने Yes बैंक में निवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दे दी
आरबीआई ने कहा कि Yes बैंक लगातार एनपीए की समस्या से जूझ रहा है, जिसके चलते यह फैसला लेना पड़ा है। आरबीआई द्वारा जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक, Yes बैंक में बचत, चालू या किसी अन्य जमा खाते से एक महीने के दौरान 50 हजार रुपये से ज्यादा धनराशि नहीं निकाली जा सकेगी। इसके अलावा यदि किसी के बैंक में एक से ज्यादा खाते हैं तो भी 50 हजार से ज्यादा धनराशि नहीं निकाली जा सकेगी। दूसरी ओर एसबीआई बोर्ड ने येस बैंक में निवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दे दी है।
Yes बैंक : 50 हजार निकासी की सीमा से ग्राहकों में हड़कंप, ATM पर दिखी भीड़
Yes बैंक को खरीद सकता है एसबीआई, जल्द होगा एलान
सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों को पूंजी के संकट से जूझ रहे हैं। Yes बैंक को खरीदने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए मंजूरी दे दी है। उच्च स्तरीय सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में जल्द ही कोई घोषणा की जा सकती है। देश के सबसे बड़े ऋणदाता संस्थान एसबीआई की गुरुवार को मुंबई में बैठक भी हुई, लेकिन यह पता नहीं चल सका कि क्या बैठक के एजेंडे में यस बैंक के अधिग्रहण का मुद्दा था या नहीं।
एलआईसी की भी हो सकती है बड़ी भूमिका
इसके अलावा ऐसी भी खबरें हैं कि सरकार ने अपने स्वामित्व वाली बीमा कंपनी एलआईसी से एसबीआई के साथ मिलकर हिस्सेदारी खरीदने के लिए भी कहा है। एलआईसी के पास पहले से यस बैंक की आठ फीसदी हिस्सेदारी है। कुछ हफ्ते पहले यस बैंक को उबारने से जुड़ी अटकलों पर एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि उसे नाकाम नहीं होने दिया जाएगा।
अगर यह सौदा होता है तो कई साल में ऐसा पहली बार होगा कि एक सरकारी कंपनी, निजी क्षेत्र के किसी यूनिवर्सल बैंक को उबारेगी। वहीं यह आईडीबीआई के बाद दूसरा यूनिवर्सल बैंक होगा, जिसे संकट से उबारने में एलआईसी अहम भूमिका निभाएगा।