नई दिल्ली: दुनिया में पानी की कमी के बारे में लोगो में जागरूकता (Awareness) पैदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) 1993 से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day) मना रहा है। विश्व जल दिवस लोगों को ‘सतत विकास लक्ष्य’ (Sustainable development goals) की दिशा में कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। लक्ष्य 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता सुनिश्चित करना है।
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पानी की कीमत अमूल्य है। यह रोजमर्रा के कार्यों में इसकी सख्त जरूरत के कारण है। यदि हम अभी पानी बचाने के लिए उचित उपाय नहीं करते हैं, तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए इस संसाधन को संरक्षित नहीं कर पाएंगे। अत्यधिक प्रदूषण और भूजल के अनुचित अपव्यय ने दुनिया भर में विभिन्न स्थानों पर ताजे पानी की उपलब्धता को और कम कर दिया है। भूमिगत जल स्तर का गिरना एक और बड़ी समस्या है।
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यद्यपि विज्ञान ने वर्षों में प्रगति की है, हम जल निकायों के भीतर सभी दूषित पदार्थों को समाप्त करने में सक्षम नहीं हैं। इन सभी समस्याओं के बारे में जागरूकता पैदा करने और लोगों को इनका समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विश्व जल दिवस मनाया जाता है।