विश्व एड्स दिवस 2019

विश्व एड्स दिवस 2019: एचआईवी की चपेट में है दुनिया की 3.5 करोड़ आबादी

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नई दिल्ली। एड्स एचआईवी  वायरस से फैलने वाली बीमारी है। दुनिया में इसका इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है, लेकिन इससे बचाव संभव है। इसकी सबसे बड़ी वजह असुरक्षित यौन संबंध है। हालांकि कुछ सावधानियां बरती जाए तो इसे रोका जा सकता है।

एचआईवी एड्स की दुनिया में क्या है स्थिति ?

एड्स एक गंभीर बीमारी है जो मानव इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (HIV) के संक्रमण के कारण होती है। बता दें कि दुनियाभर में कुल 3.8 करोड़ लोग एचआईवी की चपेट में हैं। साल 2010 तक एंटीरिट्रोवायरल थेरेपी लेने वालों की संख्या 70 लाख थी, जबकि वर्तमान में 2.4 करोड़ लोग यह थेरेपी ले रहे हैं। 80 लाख लोगों को पता भी नहीं है कि वे एचआईवी प्रभावित हैं।

एचआइवी संक्रमण बढ़ता चला जाए तो यह एड्स में हो जाता है तब्दील 

एचआईवी वायरस व्यक्ति के इम्यून सिस्टम यानी कि प्रतिरक्षा प्रणाली को ध्वस्त हो जाती है। एचआइवी संक्रमण बढ़ता चला जाए तो यह एड्स में तब्दील हो जाता है। दो साल पहले तक देश में 21 लाख लोग एचआइवी की चपेट में थे। वर्तमान में यह आंकड़ा बढ़ चुका है। तब, 88 हजार लोग एड्स संक्रमित पाए गए थे और तब तक एड्स की वजह से 69 हजार लोगों की मौत हो चुकी थी।

पिछले साल सात लाख 70 हजार लोगों की मौत हुई

एड्स के कारण होने वाली मौतों में पहले की अपेक्षा कमी आई है। हालांकि पिछले साल सात लाख 70 हजार लोगों की मौत हुई। वहीं, 17 लाख नए लोग संक्रमित हुए हैं। 2007 से 2018 के बीच का आंकड़ा देखें तो नए एचआईवी संक्रमण में 37 फीसदी कमी आई है और इससे होने वाली मौतें 45 फीसदी कम हुई है।

सही समय पर इस बीमारी का इलाज मिलने पर  भी हो जाता है ठीक

अगर आप एचआईवी पॉजिटिव हैं तो आप रोज समय पर दवा लें। यह आपको लंबे समय तक स्वस्थ रख सकता है। यदि बच्चे को जन्म देते समय मां के शरीर के अंदर (HIV) वायरस मौजूद है, तो उसका होने वाला बच्चा इस बीमारी से पीड़ित हो सकता है, लेकिन सही समय पर इस बीमारी का इलाज मिलने पर ठीक भी हो जाता है।

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