देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने बुधवार को सचिवालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जाएं।
श्री धामी (CM Dhami) ने कहा कि राज्य में निवेश में तेजी से वृद्धि होगी, इसको ध्यान में रखते हुए गतिमान परियोजनाओं पर तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि कार्यों को तेजी से धरातल पर उतारने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। यह प्रयास किये जाएं कि परियोजनाओं को पूर्ण करने की जो समयावधि है, उस समयावधि के अन्दर पूर्ण हो जाएं। यदि कहीं पर किसी भी प्रकार की समस्याएं आ रही हैं, तो समस्याएं बताई जाएं, उनका उचित समाधान किया जायेगा।
उन्होंने (CM Dhami) कहा कि ऊर्जा से संबंधित जिन प्रस्तावों पर केन्द्र सरकार के स्तर से आवश्यक कार्यवाही होनी है, उनका विस्तृत प्रस्ताव बनाया जाय। उन्होंने समीक्षा के दौरान, निर्देश दिये कि हाइड्रो और सोलर ऊर्जा में उत्पादन को तेजी से बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) की अतिरिक्त भूमि पर पर्यटन आधारित गतिविधियों और सोलर के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जाए। इन्वेस्टर्स समिट में निवेश के लिए जिन परियोजनाओं के लिए करार किये गये हैं, उनकी ग्राउंडिग जल्द की जाए।
श्री धामी (CM Dhami) ने लखवाड़ और किशाऊ बहुउदद्शीय परियोजनाओं पर भी तेजी से कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देते हुए राजस्व वृद्धि के लिए लगातार प्रयास किये जाएं।
श्री धामी (CM Dhami) ने पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ़ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) से विद्युत पारेषण तंत्र की मजबूती की दिशा में ध्यान देने को कहा। उन्होंने अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी ध्यान देने के निर्देश दिये।
बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में हाइड्रो और सोलर ऊर्जा उत्पादन 7513 मिलियन यूनिट है। जिसे 2031 तक 18740 मिलियन यूनिट तक करने का लक्ष्य रखा गया है। 17 मेगावाट की कुल 03 सौर ऊर्जा परियोजनाएं 2024 से शुरू होंगी। 29.25 मेगावाट की कुल 06 परियोजनाएं अक्टूबर 2025 तक शुरू होंगी। जबकि 2026 तक 5.5 मेगावाट की नादेही, 18 की कर्मी कपकोट और 11.5 मेगावाट की बागेश्वर के पास शामा गांव सौर ऊर्जा परियोजना को 2026 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में जानकारी दी गई कि अभी तक 21520 करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउडिंग हो चुकी है। जिसमें 6780 करोड़ रूपये की जल विद्युत परियोजनाएं, 14670 रूपये करोड़ की पंप स्टोरेज परियोजनाएं और 70 करोड़ रूपये की सौर आधारित परियोजनाएं शामिल हैं। जबकि इन्वेस्टर्स समिट में निवेश के लिए हुए करारों पर 54977 करोड़ रूपये की जल विद्युत, पंप स्टोरेज, सौर आधारित एवं अन्य परियोजनाओं की ग्राउडिंग की कार्यवाही गतिमान है।
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समीक्षा बैठक में, तिलोथ विद्युत गृह (मनेरी भाली प्रथम चरण) के आरएमयू के बारे में भी प्रस्तुतीकरण दिया गया। यूजेवीएनएल द्वारा नवाचार के रूप में हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन के लिए आई.आई.टी रूड़की के साथ अनुसंधान और विकास कार्य किया जा रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन के लिए प्रथम चरण में पथरी मोहम्मदपुर में एक मेगावाट क्षमता का प्लांट स्थापित किया जा रहा है। ‘जीरो इन्वेस्टमेंट/ एक्सपेंस मॉडल’ के आधार पर एक जनवरी 2026 के बाद ऊर्जीकृत परियोजनाओं को ग्लोबल कार्बन काउंसिल के ग्रीनहाउस मिटिगेशन प्रोग्राम में पंजीकृत कर ‘कार्बन क्रेडिट’ जारी करा कर विक्रय करने की प्रक्रिया गतिमान है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष, अवस्थापना अनुश्रवण समिति, विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव, ऊर्जा, आर. मीनाक्षी सुंदरम, एमडी, यूजेवीएनएल, संदीप सिंघल, एमडी, यूपीसीएल, अनिल कुमार, एमडी, पिटकुल, पी.सी.ध्यानी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।