लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में खुद चुनाव लड़ने की अटकलों को पुष्ट करते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने स्पष्ट किया है कि वह अगर चुनाव लड़ेंगे तो आजमगढ़ की जनता की अनुमति से ही लड़ेंगे।
अखिलेश ने बुधवार यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आजमगढ़ की जनता ने ही उन्हें लोकसभा में अपना प्रतिनिधि बनाया था। इसलिये विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में भी अंतिम फैसला आजमगढ़ की जनता की अनुमति से ही किया जायेगा। उन्होेंने कहा, “मेरे चुनाव लड़ने का फैसला आजमगढ़ की जनता करेगी। मैं आजमगढ़ की जनता से बात करके चुनाव लड़ने का फैसला लूंगा। पार्टी जहां फैसला लेगी मैं वहां से चुनाव लडूंगा।”
गौरतलब है कि सपा ने एक रणनीति के तहत ही अखिलेश को भी चुनाव मैदान में उतारने की पहल की है। सूत्रों ने बताया कि अगले एक दो दिनों में यह तय हो जायेगा कि अखिलेश किस सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे। समझा जाता है कि अखिलेश आजमगढ़ , मैनपुरी और कन्नौज जिलों की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। संभावना इस बात की भी है कि अखिलेश दो विधानसभा सीटों से भी चुनाव लड़ सकते हैं।
भाजपा में शामिल हुई अपर्णा यादव
सूत्रों ने बताया कि इनमें से एक सीट आजमगढ़ की गोपालपुर हो सकती है। इस सीट पर पिछले चार विधान सभा चुनावों से सपा ने ही जीत दर्ज करायी है। इसके अलावा कन्नौज या मैनपुरी की किसी एक सीट से भी अखिलेश चुनाव लड़ सकते हैं।
गौरतलब है कि फिलहाल वह आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर शहर सीट से चुनाव लड़ने की भारतीय जनता पार्टी की घोषणा के बाद ही अखिलेश को भी चुनाव मैदान में उतारने पर सपा में मंथन शुरु हाे गया था।
अगर अखिलेश चुुनाव लड़ते हैं, तो यह उनका पहला विधानसभा चुनाव होगा। इससे पहलेे 2012 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वह विधान परिषद के रास्ते विधान मंडल के सदस्य बने थे।