शहर के एक थाने में तैनात दरोगा (Sub Inspector) काम की व्यस्तता में इतना घिर गए कि पत्नी को समय नहीं दे पा रहे। इससे घर में रार पैदा हो गई। पति-पत्नी में मनमुटाव होने लगा। बात हद से ज्यादा होने पर दरोगा (Sub Inspector) ने पत्नी की काउंसिलिंग कराने का निर्णय लिया। रविवार को वह पत्नी के साथ परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे। कांउसिलिंग में पति-पत्नी को समझाया गया। दरोगा (Sub Inspector) से पत्नी को समय देने के लिए और कहा कि आज होटल या रेस्टोरेंट जाइए। इसके बाद दोनों खुशी से चले गए।
बता दें कि, दारोगा (Sub Inspector) की शादी को दो साल पहले हुई है। थाना में कामकाज अधिक होने से दारोगा घर में समय नहीं दे पा रहे थे। इसको लेकर पत्नी ने कई बार टोका लेकिन व्यस्तता अधिक होने से दोनों में बाचतीत भी कम हो गई। दरोगा थाने से देरी से घर आते हैं तो घर पर आकर मोबाइल और फाइलों में घिर जाते हैं। कई बार देर रात घर पहुंचने से कुछ महीने से पत्नी तनाव में आ गईं। दोनों के बीच रोजाना झगड़ा शुरू हो गया।
दारोगा (Sub Inspector) परिवार का मामला पहुंचा परामर्श केंद्र
पत्नी ने शिकायत की तो मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंच गया। पति-पत्नी के बीच की दूरी को मिटाने के लिए दोनों की काउंसलिंग हुई। काउंसलर ने दोनों की बातचीत सुनी। इस दौरान परामर्श केंद्र प्रभारी कमर सुल्तान सहित अन्य भी मौजूद रहे।
बाहर घुमाने ले जाओ, खाना खिलाओ
प्रभारी निरीक्षक कमर सुल्ताना का कहना है कि, काउंसलिंग में दारोगा की पत्नी को समझाया कि, हर पुलिसकर्मी की काम पहली प्राथमिकता होता है। पुलिस की नौकरी का कोई समय निश्चित नहीं होता है। कई घंटे से लेकर दिन तक लगना पड़ता है। इसलिए पति के काम के बारे में जानें। बेमतलब का तनाव लेने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही दारोगाजी को समझाया कि, वह जब भी घर आएं, पत्नी से बात करें। उनकी समस्या समझें और उनका ख्याल रखें। सप्ताह में एक दिन पत्नी के बाद बाहर घूमने जाएं और बाहर खाना खाएं।