मौनी अमावस्या पर क्यों रखा जाता है मौन व्रत, जानिए स्नान के नियम

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हिंदू धर्म में स्नान, दान और ध्यान का बड़ा महत्व होता है। खासतौर पर मौनी अमावस्या ( Mauni Amavasya) पर तो ये और भी ज्यादा फलदायी होता है। ऐसी मान्यता है कि अगर इस अमावस्या पर मौन रहें तो इससे अच्छे स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या का महत्व और स्नान के नियम।

मौनी अमावस्या ( Mauni Amavasya) का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है। मौनी अमावस्या पर किए गए दान-पुण्य का फल सौ गुना ज्यादा मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत से समान होता है। मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है। मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से इंसान के कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं।

स्नान के नियम

मौनी अमावस्या पर किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें।

स्नान के दौरान आठ या नौ डुबकी लगाए।

भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।

तिल मिले हुए जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें।

पितरों के लिए प्रार्थना करें।

इस दिन तिल, तेल, कंबल, कपड़े और धन का दान करना चाहिए।

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