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कम नहीं हो रही महंगाई की मार, 8 साल के उच्च स्तर पर पहुंची थोक मुद्रास्फीति

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नई दिल्ली। आम लोगों के ऊपर महंगाई की मार कम होने का नाम नहीं ले रही है। खुदरा महंगाई (Retail Inflation) के 8 साल के उच्च स्तर पर पहुंच जाने के बाद अप्रैल 2022 में थोक महंगाई (Wholesale Inflation) ने भी नया रिकॉर्ड बना दिया।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने थोक महंगाई  (Wholesale Inflation) की दर 15.08 फीसदी रही। साल भर पहले यानी अप्रैल 2021 में थोक महंगाई की दर 10.74 फीसदी थी।

डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने मंगलवार को अप्रैल महीने के लिए थोक महंगाई  (Wholesale Inflation) के आंकड़े को जारी किया। डीपीआईआईटी ने बताया कि तेल और ईंधन की ऊंची कीमतों के कारण अप्रैल में थोक महंगाई बढ़ी है।

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इससे पहले एनालिस्ट भी अनुमान लगा रहे थे कि अप्रैल में थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई 15.5 फीसदी के आस-पास रह सकती है। ताजा आंकड़ों के हिसाब से अप्रैल लगातार 13वां महीना है, जब थोक महंगाई  (Wholesale Inflation) की दर 10 फीसदी से ऊपर है। इससे पहले मार्च महीने में थोक महंगाई की दर 14.55 फीसदी रही थी।

डीपीआईआईटी ने एक प्रेस रिलीज में बताया, ‘अप्रैल 2022 में थोक महंगाई  (Wholesale Inflation) की उच्च दर के लिए मिनरल ऑयल्स, बेसिक मेटल्स, क्रूड, पेट्रोलियम व नेचुरल गैस, खाने-पीने के सामान, नॉन-फूड आर्टिकल्स, फूड प्रॉडक्ट और केमिकल्स व केमिकल प्रॉडक्ट की कीमतों का बढ़ना जिम्मेदार है। इन सब चीजों की कीमतें पिछले साल अप्रैल की तुलना में काफी बढ़ी हैं।’

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