5.89 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण करके उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है. प्रथम चरण के 5वें सत्र में 4 फरवरी को 1,580 बूथ पर 1,25,308 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया जो कि लक्ष्य 1,72,396 का लगभग 72.69 प्रतिशत है. बीते चार सत्रों में प्रदेश में 4.63 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण हुआ था. इस तरह प्रदेश में 5,89,101 स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया गया जो कि देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक है.
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मुख्यमंत्री योगी ने भी कोविड टीकाकरण शुरू होने के एक महीना पहले ही 10 दिसंबर को मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव चिकित्सा-स्वास्थ्य की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी व टास्क फोर्स का गठन कर दिया था. मुख्य सचिव आर. के. तिवारी की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी को कोरोना टीकाकरण की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई. यह कमेटी पूरे प्रदेश में टीकाकरण की लगातार समीक्षा करके कहीं पर कोई समस्या आने पर उसका निराकरण कर रही है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद वाली टास्क फोर्स को टीकाकरण का प्रभावी क्रियान्वयवन सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा गया है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रोज सुबह 10.30 बजे से अपनी टीम-11 के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में कोविड टीकाकरण और कोरोना नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों की नवीनतम रिपोर्ट पर प्राथमिकता के तौर पर चर्चा करते हैं. योगी खुद इस रिपोर्ट को पढ़ते हैं, जरूरत होती है तो संशोधन करने का निर्देश भी देते हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय बताए गए बदलाव कर संशोधित रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने दोबारा पेश करता है.
योगी की इसी सीधी मॉनिटरिंग के कारण ही यूपी देश में सबसे अधिक 2.83 करोड़ से अधिक कोरोना टेस्ट करने वाला राज्य बन गया है बल्कि कोविड वैक्सीनेशन में भी यूपी ने देश में पहला स्थान हासिल कर लिया है. हालांकि कोविड टीकाकरण के लिए कई स्तरों पर इंतजाम किए गए जिन्होंने यूपी को अव्वल बनाया है. इतना ही नहीं कोरोना के खिलाफ योगी की सफल रणनीति का परिणाम है कि अब प्रदेश में कोरोना के पांच हजार से कम ऐक्टिव केस रह गए हैं.
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यूपी में पहले चरण में नौ लाख हेल्थ केयर वर्कर, दूसरे चरण में 16 लाख फ्रंटलाइन वर्कर और तीसरे चरण में साढ़े तीन करोड़ ऐसे लोग जिनकी उम्र 50 से अधिक है या फिर उन्हें कोई कोमॉर्बिडिटी वाली बीमारी है, को कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी. मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर दिसंबर के महीने में राज्य सरकार की ओर से हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर का ब्योरा केंद्र सरकार को भेज दिया गया था. फ्रंटलाइन वर्कर में सुरक्षाकर्मी, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा संगठन, आपदा प्रबंधन स्वयंसेवक, खाद्य एवं रसद विभाग, आवश्यक सेवाओं व निकायों के कर्मचारी आदि शामिल हैं. टीकाकरण के लिए डेटा ब्लॉक स्तर पर कंप्यूटर पर दर्ज किया गया. इसमें लाभार्थी का नाम, उम्र, पता, मोबाइल नंबर दर्ज होगा. इसी आधार पर उन्हें टीकाकरण की जानकारी दी गई. इसके लिए कोरोना काल में हुए सर्वेक्षण के डेटा का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रदेश में 1,72,724 इलाकों के 3,02,87,276 घरों में रहने वाले 14,77,02,118 लोगों का सर्विलांस किया जा चुका है. इन सभी का डेटा विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया गया है.