सावन (Sawan) के दूसरे सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास के तत्वावधान में चल रहे के कजरी महोत्सव (kajri mahotsav) में शिवभक्ति का रंग सिर चढ़कर बोला। प्रतिभागियों ने शिवभक्ति से जुड़ी कई कजरियां सुनाईं। रीता श्रीवास्तव ने सुनाया कि जलवा चढाइब हमहुं बनके कवरिया पिया।
हमहुं के ले के चला शिव के नगरिया ना और नर्वदा उर्फ मधु श्रीवास्तव ने भोले बाबा चले कैलाश कुनिया पेड़ लगावा ना सुनाया तो वातावरण तालियों से गूंज उठा।
सुमन पांडेय की कजरी- भोले बाबा ले के चलल बरतिया और कल्पना सक्सेना के गीत अइसन बारात नाही देखलीं जैसे गीतों ने समां बांध दिया। सरला गुप्ता ने – पार्वती तुहार सईयां हम देखब। अंजली सिंह की कजरी चंद्रमा देखलीं गंगा देखलीं बंम भोले क देखलीं सपनवे में ना भी काफी सराही गई।
भोजपूरी महोत्सव के नवें दिन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास के अध्यक्ष परमानंद पांडेय ने बताया कि आज कजरी महोत्सवविशेषकर भगवान शिव को समर्पित रहा। एक प्रतिभागी बच्ची ने रिदिमा श्रीवास्तव ने कजरी गीत- पिया मेहदी ला द मोतीझील से न जाके साइकिल से ना पर मनोहारी नृत्य प्रस्तुत किया।
न्यास की संरिक्षक और प्रशिक्षिका शशिलेखा सिंह के निर्देशन में प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया गया। प्रतिभाग करने वालों में रीता श्रीवास्तव, नर्वदा उर्फ मधु श्रीवास्तव, सुमन पांडेय, अंजली सिंह, हेमलता त्रिपाठी, सीमा अग्रवाल, अर्पणा सिंह, नीरु श्रीवास्तव, शैली सिंह, बंदना तिवारी, सुधा तिवारी, भारती श्रीवास्तव गाजियाबाद, नीरु श्रीवास्तव, विभा श्रीवास्तव, प्रियंका पांडेय, कंचन श्रीवास्तव, रीता पांडेय, भारती श्रीवास्तव, कुसुम मिश्रा, रीना मिश्रा, इंदु दुबे, गायत्री त्रिपाठी, मंजुला पांडेय, पूनम मिश्रा, कु.तन्नु कुमारी चौहान, कु. ऐसन्या सिंह, सरला गुप्ता, कल्पना सक्सेना, अम्बुज अग्रवाल, राम बहादुर राय अकेला, सौरभ कमल आदि प्रमुख थे।
इस अवसर पर दुर्गा प्रसाद दुबे, दिग्विजय मिश्र, संयुक्त सचिव राधेश्याम पांडेय, जे पी सिंह, न्यासी शाश्वत पाठक, प्रसून पांडेय, सुदर्शन दुबे, दिव्यांशु दुबे, अखिलेश द्विवेदी, दशरथ महतो, गयानाथ यादव, राहुल द्विवेदी और ऊषाकान्त मिश्र, विनीत तिवारी, निलेन्द्र त्रिपाठी, सुनील मिश्र, पुनीत निगम आदि ने भी ऑनलाइन अपने विचार प्रस्तुत किए।