Water Transport

परिवहन की संभावनाओं को विस्तार देंगे जलमार्ग

15 0

लखनऊ। केंद्र सरकार की मदद से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की अगुआई वाली प्रदेश सरकार जल परिवहन (Water Transport) को और विस्तार देगी। हिमालय और पहाड़ों से निकलने वाली गंगा, यमुना, सरयू जैसी सदानीरा (जिनमें साल भर पानी रहता है) नदियों के कारण उत्तर प्रदेश में जल परिवहन (Water Transport) की सर्वाधिक संभावना भी है। जल परिवहन के लिए सबसे अनुकूल गंगा का सर्वाधिक बहाव क्षेत्र (बिजनौर से बलिया तक) उत्तर प्रदेश में ही हैं। लैंड लॉक्ड प्रदेश होने के कारण यूपी को किसी समुद्री बंदरगाह तक आसानी से पहुंच के लिए परिवहन के इस परंपरागत साधन की सर्वाधिक जरूरत भी है। यही वजह है कि देश का पहला अंतर्देशीय जलमार्ग (राष्ट्रीय जलमार्ग 1) का क्रेडिट भी उत्तर प्रदेश को ही मिला।

करीब 1100 किमी लंबा है राष्ट्रीय जलमार्ग-1

प्रथम चरण में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर होते हुए पश्चिमी बंगाल के हल्दिया पोर्ट से जोड़ता है। इसकी कुल लंबाई करीब 1100 किलोमीटर है। इसके लिए वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल, रामनगर, गाजीपुर एवं प्रयागराज फ्लोटिंग टर्मिनल भी संचालित हैं।

वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में बनेगा लिफ्टिंग ब्रिज

हाल ही में केंद्र सरकार ने गाजीपुर, बलिया और वाराणसी में गंगा नदी पर लिफ्टिंग ब्रिज भी बनाने की घोषणा की है। भारी मालवाहक जहाजों के गुजरने के दौरान ऐसे ब्रिज ऊपर उठ जाते हैं और जहाज के गुजरने के बाद वह नीचे आकर पहले जैसे ही जुड़ जाते हैं। इससे परिवहन में कोई बाधा नहीं आती। जैसे अंतर्देशीय जलमार्ग का विस्तार होगा उसी क्रम में लिफ्टिंग ब्रिजेज की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

इसके अगले चरण में सरकार की योजना यमुना, गोमती, सरयू, बेतवा, वरुणा और राप्ती पर भी ऐसे ब्रिज बनाने की है। योगी सरकार पहले ही इन नदियों को जल परिवहन से जोड़ने के घोषणा कर चुकी है। साथ ही मंदाकिनी, केन और कर्मनाशा आदि नदियों में भी केंद्र की मदद से जल परिवहन (Water Transport) की संभावनाएं तलाश रही है। लिफ्टिंग ब्रिज का रख रखाव केंद्र सरकार दो साल तक अपने पास रखेगी। इसके बाद इसे राज्य सरकार को सौंप देगी। इसके अगले चरण में राष्ट्रीय जल मार्ग एक को कानपुर से फर्रुखाबाद तक विस्तारित किया जाना है।

सस्ता, सुरक्षित और इकोफ्रेंडली है जल परिवहन

जलमार्ग परिवहन के परंपरागत साधनों रेल, सड़क और हवाई यातायात की तुलना में बहुत सस्ता है। हाल ही में लखनऊ में फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। इसमें संस्था के प्रदेश अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा था कि जल परिवहन ट्रांसपोर्ट (Water Transport) के परंपरागत साधनों की तुलना में लगभग 90 फीसदी सस्ता है। जल परिवहन के अन्य लाभ हैं। दुर्घटना की संभावना न के बराबर होने के कारण यह सड़क परिवहन की तुलना में जान माल की सुरक्षा के लिहाज से बहुत सुरक्षित है।

इसके बढ़ते प्रचलन के कारण सड़कों को खासकर माल लाने ले जाने वाले भारी वाहनों से कुछ हद तक छुटकारा मिलेगा। इससे बाकी लोगों को सहूलियत होगी। ईंधन की कम खपत के कारण जल परिवहन अपेक्षाकृत पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार है। उत्पाद का ट्रांसपोर्टेशन उन सभी जगहों तक संभव है जहां जहां से नदी गुजरती है।

इससे संबंधित जगहों के उत्पाद अन्य जगहों तक पहुंचाए जा सकते। इससे वहां की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। नया सेक्टर होने के कारण स्थानीय स्तर पर रोजी रोजगार के अवसर अलग से मिलेंगे।

Related Post

Mission Shakti

Mission Shakti 5.0: बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सशक्त करेगी योगी सरकार

Posted by - September 29, 2024 0
लखनऊ। महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार अक्टूबर 2024 से…
CM Yogi

उप्र में कृत्रिम रेत से बनेंगे मकान, योगी सरकार जल्द लाएगी मैन्युफैक्चर्ड सैंड पॉलिसी

Posted by - May 31, 2023 0
लखनऊ। तेजी से शहरीकरण और बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधियों के कारण रेत की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई है।…
cm yogi

सीएम योगी ने महाशिवरात्रि पर प्रदेशवासियों को दी बधाई

Posted by - February 17, 2023 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी…