आज विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से और व्यवस्थित तरीके से संचालित किए जाने को लेकर विधान परिषद सभापति से चेतावनी नोटिस वापस किए जाने की अपील की। उनके साथ ही नेता विरोधी दल अहमद हसन ने भी इसे वापस करने की अपील की जिस पर सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने चेतावनी नोटिस वापस ली।
पीठ को यह अनुभव हुआ कि विपक्ष लोकतांत्रिक तरीके से सरकार का विरोध करने के स्थान पर संख्या बल के आधार पर पीठ का विरोध करते हैं। प्रत्येक बात पर मत विभाजन की मांग करते हैं जो कि कदापि उचित नहीं है। मैं नेता सदन और नेता विरोधी दल और सभी दलीय नेताओं की भावनाओं का आदर करता हूं और यह व्यवस्था देता हूं कि 24 फरवरी को कार्य संचालन के संबंध में पीठ द्वारा दी गई चेतावनी नोटिस का कार्यवाही का भाग नहीं बनेगी। नोटिस वापस ली जाती है।
न हो अमर्यादित आचरण की पुनरावृत्ति
साथ ही उन्होंने कहा कि सदन और पीठ के प्रति अमर्यादित आचरण की पुनरावृत्ति होने पर पीठ द्वारा नियमों के अनुसार कार्य संचालन के लिए प्राप्त अधिकारों का प्रयोग किया जाएगा। मैं कार्य संचालन में सभी दलीय नेताओं और सदस्यों से सहयोग की अपेक्षा करता हूं।
इन सपा एमएलसी के खिलाफ हुई थी नोटिस जारी
विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य आनंद भदौरिया, राजेश यादव, सुनील सिंह साजन, संजय लाठर, उदयवीर सिंह, राजपाल कश्यप और संतोष यादव सनी के खिलाफ चेतावनी नोटिस जारी की गई थी. जिसे वापस किया गया है।