मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री फातिमा शेख ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत स्ट्रगल किया है। फातिमा शेख ने दंगल फिल्म से अपनी पहचान बनाई है। फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ उनकी अंतिम हिंदी फिल्म थी, लेकिन जल्द ही उनकी कई फिल्में आयेंगी।
बता दें कि लॉकडाउन की वजह से कई फिल्में उनकी लटक गईं हैं। अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए वह बताती हैं कि जब मेरे पास काम नहीं था, तब पैसे बचाने के लिये मैंने एक तरीका अपनाया। घर से कहीं भी जाना होता तो हमेशा पैदल ही जाती थी। फातिमा शेख ने बताया कि प्रतिदिन घर से 10 किलोमीटर थियेटर पैदल ही चलती थी ताकि 80 रुपये बचा सकूं।
उन्होंने बताया कि उस समय मैं थिएटर करती थी। मुझे हर शो के 80 से 100 रुपये तक मिल जाते थे। यह रकम मेरे लिए बहुत कीमती होती थी। मुझे मॉर्निंग का शो करना होता था। समय पर थिएटर पहुंचने के लिए मैं अलसुबह ही घर से निकल जाती। एक घंटे चलकर मैं थियेटर पहुंचती और अपना शो निपटाती। उसके बाद मुझे जो 80 रुपए मिलते, वे मेरे लिए लाखों से बढ़कर होते थे।
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उन्होंने बताया कि एक्टिंग तो मेरा पैशन था, पर पैशन फॉलो करने के लिए जेब में पैसे भी तो चाहिए होते हैं। अर्निंग के लिए मैंने फोटोग्राफी शुरू की। जब मेरे पास थिएटर या एक्टिंग का काम नहीं होता था तो लोगों की शादियों में जाकर उनके फोटो खींचती थी। थोड़ी बहुत कमाई इसी से हो जाती। बाकी के समय मैं अपने पहले प्यार एक्टिंग पर ही पूरा फोकस करती थी। वह वक्त मुझे आज भी याद है। दिल में अभिनय की लौ जली होती थी और काम क्या… हाथ में कैमरा थामकर लोगों की शादियों में फोटोग्राफी करना। सच है जिंदगी भी आपको क्या-क्या रंग दिखाती है।
बता दें कि फातिमा का जन्म 11 जनवरी 1991 में हैदराबाद में हुआ। फातिमा के पापा राज तब्बसुम और मां विपन सहना हैं। इन्होंने अपनी पढ़ाई मुंबई के सेंट ज़ेवियर हाई स्कूल से की। मीठी बाई कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। दंगल गर्ल फातिमा बचपन में भी फिल्मों मे अपना लक आजमा चुकी हैं। इन्होंने इश्क, चाची 420 और बड़े दिलवाले जैसी कई फिल्मों मे बाल किरदार के रूप मे काम किया है। छोटे पर्दे की बात करें तो अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजों सीरियल मे सुमन के किरदार मे नजर आ चुकी है।
फातिमा सना शेख कहती है कि मुझे लगता है कि मुझे बहुत अच्छी स्क्रिप्ट्स मिल रही हैं, जहां भूमिकाएं दमदार है। हालांकि कुछ ऐसे प्रोजेक्ट्स की पेशकश भी की जा रही है जो मुझे उत्साहित नहीं करते हैं। फातिमा ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह प्रोफेशनल ही नहीं, बल्कि भावनात्मक भी है। अगर मैं किसी से भावनात्मक तौर पर नहीं जुड़ती, तो मैं नहीं करती। यह खुद से लड़ाई है।