Akshaya Tritiya

Akshaya Tritiya पर विष्णु जी, पितरों का करें ध्यान, मिलेगा अनेक लाभ

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लखनऊ: बैशाख शुक्लपक्ष (Baisakh Shukla Paksha) की तृतीया को अक्ति या आखा तीज मनाई जाती है और इसे अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) कहते हैं। मान्यता अनुसार इस दिन सोना (Gold), चांदी (Silver) या जो भी धातु खरीदी जाती है, वो कभी नष्ट नहीं होती। इसके अलावा जो दान पुण्य भी करते है, उसका भी कई गुना, अक्षय फल मिलता है। इस बार अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) मंगलवार 3 मई को मनाई जाएगी। इस दिन जल से भरे कलश पर फल रखकर दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो इस दिन किया गया दान आपके अगले जन्म तक फल देता है। इस दिन मां लक्ष्मी को पाना है तो विष्णु जी की अराधना कर सकते हैं।

Akshaya Tritiya पर दो कलश का दान महत्वपूर्ण

इसके अलावा आज के दिन पितरों को याद करना भी बहुत महत्वपूर्ण है, इस दिन हो सके तो विष्णु भगवान और पितरों के नाम का कलश दान करना चाहिए। आखा तीज पर दो कलश का दान महत्वपूर्ण होता है। इसमें एक कलश पितरों का और दूसरा कलश भगवान विष्णु का माना गया है। पितरों वाले कलश को जल से भरकर काले तिल, चंदन और सफेद फूल डालें। वहीं भगवान विष्णु वाले कलश में जल भरकर सफेद जौ, पीला फूल, चंदन और पंचामृत डालकर उसपर फल रखना चाहिए। इससे पितृ और भगवान विष्णु की कृपा बनती है।

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शोभन नक्षत्र में मनाई जाएगी Akshaya Tritiya

अक्षय तृतीया इस बार मंगल रोहिणी नक्षत्र के शोभन नक्षत्र में मनाई जाएगी। शुभ योग में अक्षय तृतीया मनाने का यह संयोग 30 साल बाद बना है। इतना ही नहीं 50 साल के बाद ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है। अक्षय तृतीया पर चन्द्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे, वहीं शनि स्वराशि कुम्भ और बृहस्पति स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे। चार ग्रहों का अनुकूल स्थिति में होना अपने आप में बहुत खास है।

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