अपने बयानों और कामों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय एकबार फिर से अपने फैसले को लेकर चर्चा में हैं। एमपी के उज्जैन के महाकाल मंदिर में सभी वीआईपी एवं आम श्रद्धांलुओं की एंट्री पर पाबंदी थी लेकिन विजयवर्गीय के लिए अलग से इंतजाम किया गया। विजयवर्गीय अंदर गए तो उन्होंने सारे गेट बंद करवा तमाम पुजारियों को भी अंदर नहीं आने दिया गया जिससे वह बाहर हंगामा करने लगे।
मंदिर में भी वीआईपी! महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान सभी वीआईपी और आम श्रद्धालु का प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा है लेकिन @KailashOnline @AkashVOnline @Ramesh_Mendola के लिये पुजारियों तक को रोक दिया गया और आपको लगता है @BJP4India धर्म की ध्वजा उठाती है @manishndtv @vinodkapri pic.twitter.com/CozyuiSYUe
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) August 13, 2021
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियों में एक पुजारी ने कहा, कैलाश जी आपके कारण पुजारियों तक को अंदर नहीं आने दिया जा रहा है इसपर क्या कहेंगे। बता दें कि महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान किसी को भी अंदर नहीं आने दिया जाता, भाजपा नेताओं की एंट्री के बाद आरती आठ घंटे बाद हुई।
मंदिर के मुख्य पुजारी अजय पंडित मंदिर के दरवाजे के बाहर खड़े थे और करीब 45 मिनट तक उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। पंडित का कहना है कि वीआईपी दर्शन ने मंदिर के प्रोटोकॉल को तोड़ा है। भस्म आरती, जो सुबह 4 बजे से 5 बजे के बीच में होनी थी वो 4.30 बजे शुरू हुई। चूकि बीजेपी के नेता पूजाकर रहे थे इसलिए आरती की तैयारी करने में देर हुई। मंदिर प्रशासन ने वीआईपी मूवेंट को काफी गुप्त बना रखा था इसी वजह से मंदिर के सभी द्वार बंद थे। उन्होंने यह भी कहा कि ‘मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर वीआईपी दर्शन के मुद्दे को हल करने के विषय में बातचीत करूंगा।’
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भस्म आरती करने वाले संजय पुजारी ने भी कहा कि वीआईपी दर्शन का सिस्टम बेहद खराब है और इसमें बदलाव किया जाना चाहिए। इधर इस पूरे मामले पर मंदिर के ऑफिसर-इंचार्ज दिनेश जायसवाल ने कहा कि ‘मुझे आदेश मिला था और मैं उसको फॉलो कर रहा था। मैं इसके अलावा इसपर और कुछ नहीं कह सकता।’ बता दें कि दिनेश जायसवाल के कहने पर ही मंदिर के दरवाजे बंद कर दिये गये थे। वहीं इस पूरे मामले पर कैलाश विजयवर्गीय ने बातचीत करने से इनकार कर दिया। वहीं रमेश मेन्डोला ने भी मीडिया के सवालों को नजरअंदाज कर दिया।