नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे हैं। इसी बीच दिल्ली के जामिया नगर में इस कानून के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन रविवार को हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने तीन बसों में आग लगा दी है। एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की है। बता दें कि आग को बुझाने के लिए मौके पर फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां मौजूद हैं।
Delhi: Delhi Transport Corporation (DTC) buses set ablaze by protesters near Bharat Nagar over #CitizenshipAmendmentAct. One fire tender was rushed to the spot. Two firemen also injured. More details awaited. pic.twitter.com/j6vH9tG8O4
— ANI (@ANI) December 15, 2019
हालांकि जामिया छात्र संघ ने हिंसक प्रदर्शन में छात्रों का हाथ होने से इनकार किया है। जामिया शिक्षक संघ ने भी यही कहा कि उग्र प्रदर्शन में उनके छात्र शामिल नहीं हैं। वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं।
दिल्ली के ओखला शाहीन बाग इलाके में भी नागरिकता कानून के खिलाफ भारी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने कालिंदी कुंज रोड पर जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शनों को देखते हुए दिल्ली यातायात पुलिस ने ओखला अंडरपास से लेकर सरिता विहार तक आवाजाही बंद कर दी है। इसके साथ ही पुलिस ने इन रास्तों पर जाने से बचने की भी सलाह दी है। बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने मथुरा रोड के विपरित न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के रास्तों को बंद कर दिया है।
#UPDATE DMRC: Entry & exit gates of Sukhdev Vihar, Jamia Millia Islamia, Okhla Vihar and Jasola Vihar Shaheen Bagh are closed. Trains will not be halting at these stations. https://t.co/CGlyVbM0zT
— ANI (@ANI) December 15, 2019
हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने सुखदेव विहार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, ओखला विहार और जसोला विहार शाहीन बाग मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया है। इस दौरान आसपास के कई दुकानदारों ने डर से अपनी-अपनी दुकानें भी बंद कर ली हैं। सड़क पर विरोध करने उतरे लोगों का गुस्सा देख आसपास के बाजारों के लोग सहमे हुए हैं। इससे सड़क पर भी भीषण जाम लग लगा है।
बता दें कि छोटी-बड़ी हर तरह की गाड़ी जाम में फंसी हुई है। इससे पहले जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में भी छात्रों ने इस कानून का जमकर विरोध किया था, जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया था।
हालांकि रविवार सुबह विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सफाई देते हुए कहा कि विरोध यूनिवर्सिटी परिसर के बाहर किया गया था और उसमें बड़ी संख्या में बाहरी तत्व शामिल थे।