यूपी विधानसभा चुनाव से पहले एक ओर जहां सरकार सरकारी नौकरियां देने पर फोकस कर रही है वहीं दूसरी ओर विभिन्न सरकारी महकमों में एक लाख से अधिक पदों पर मानदेय पर नौकरी देकर अर्द्धकुशल श्रमिक स्तर के लोगों को भी रोजगार से जोड़ने की तैयारी है।
प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षित युवा बेरोजगार है। कोरोना काल में रोजगार छीनने से भी बेरोजगारी बढ़ी है। वहीं संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अन्य प्रदेशों से भी अपने गांव लौटकर आए प्रवासी श्रमिकों में से हजारों श्रमिक भी तीसरी लहर के भय से अभी वापस नहीं लौटे है। सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों, महिलाओं और अर्द्धकुशल श्रमिक स्तर के लोगों को गांवों में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए कुछ विभागों में मानदेय पर भर्तियां शुरू की है।
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बीते दिनों कैबिनेट ने 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में हर ग्राम पंचायत में एक पंचायत सचिव कम अकाउंटेंट नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। प्रत्येक पंचायत सचिव को छह हजार रुपये महीने मानदेय दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसकी प्रक्रिया छह महीने में पूरी करने के निर्देश दिए हैं, लिहाजा चुनाव से पहले गांवों में 58 हजार से अधिक युवाओं को मानदेय पर रोजगार मिल जाएगा।