दस लाख रुपये की साइबर ठगी के आरोप में एसटीएफ ने दो ठगों को गिरफ्तार किया है। पुणे में हुई गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने ट्रांजिट रिमांड पर उत्तराखंड लेकर आ रही है। एसटीएफ ने दो दिन साइबर ठगी के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि स्थानीय निवासी यदुवीर सिंह ने इस मामले में शिकायत की थी। यदुवीर सिंह को एक व्यक्ति का फोन आया था। उसने खुद को एक्सिस बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बताया और उनसे बैंक की सभी डिटेल हासिल कर ली।
उस वक्त उनके खाते में 10 लाख रुपये के पर्सनल लोन का ऑफर था। ठगों ने यह 10 लाख रुपये अपने खाते में ले लिए। साथ ही यदुवीर सिंह के खाते में 78 हजार रुपये और थे। उन्हें भी ठगों ने अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया।
अपने साथ हुई इस ठगी का पता उन्हें तब लगा जब वह बैंक गए। बैंक मानने को तैयार नहीं हुआ कि यह धोखाधड़ी कर लोन लिया गया है। लोन लेने के बाद सिबिल खराब न हो इसके लिए किश्त अदा करते रहे। लेकिन, इसी बीच उन्होंने साइबर थाने को शिकायत की।
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साइबर थाना और एसटीएफ की टीम इस मामले की जांच में जुट गई। बैंक खातों और ई-वॉलेट की जांच करते हुए टीम महाराष्ट्र के पुणे तक जा पहुंची। यहां पर गिरोह के दो सदस्यों निसार अंसारी और अब्दुल अंसारी निवासी जामतारा, झारखंड को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरोह बैंक कस्टमर केयर अधिकारी बनकर ही फोन करते हैं। इस गिरोह में 100 से ज्यादा लोग हैं। यह सब लोगों से बात कर उन्हें झांसे में लेते हैं और फिर उनसे नेट बैंकिंग का पासवर्ड हासिल कर ठगी को अंजाम देते हैं।