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उत्तराखंड के सीएम ने किया ‘शिवराज टेक्निक’ का इस्तेमाल, खुद को बताया हर बच्चे का मामा

‘मामा’ के नाम से एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान को जाना जाता है लेकिन अब एक अन्य सीएम ने भी खुद को मामा बताया। ‘शिवराज टेक्निक’ का इस्तेमाल करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद को हर बच्चे का मामा बताया है। मुख्यमंत्री पुष्कर ने सोमवार को कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का विधिवत शुभारंभ किया।

कार्यक्रम में सीएम ने योजना के तहत चयनित 2347 बच्चों के बैंक खाते में तीन-तीन हजार रुपये की सहायता राशि ट्रांसफर किया। इस दौरान धामी ने कहा- इन बच्चों का मामा की तरह ध्यान रखेंगे, उनके सह अभिभावक के रूप में काम करेंगे और मुस्कान देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन बच्चों के मामा की भूमिका में काम करेंगे। जबकि विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि वह बच्चों की बुआ के रूप में काम करेंगी। प्रदेश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने काफी कहर बरपाया। कई बच्चे अनाथ हो गए जो अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो चुके हैं। विभाग की ओर से इस तरह के अब तक 2311 बच्चे चिन्हित कर लिए गए हैं, लेकिन फिलहाल 27 फीसदी बच्चों को ही वात्सल्य मिलेगा। जिलाधिकारियों की ओर से इन बच्चों के सत्यापन का काम पूरा कर लिया गया है। जबकि चिन्हित किए गए अन्य बच्चों के सत्यापन की प्रक्रिया अभी चल रही है।

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ऐसा इसलिए भी किया गया है कि कुछ व्यक्तियों की कोविड की जांच रिपोर्ट आने से पहले ही मौत हो गई। ऐसे में पीड़ितों को राहत देने के लिए कोविडकाल में जो भी बच्चा अनाथ हुआ है उसे इस दायरे में लाया जा रहा है। इसके अलावा पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत भी कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को सहायता दी जा रही है। इन बच्चों को 18 साल की उम्र तक आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख का हेल्थ इंश्योरेंस दिया जा रहा है। इसके अलावा 18 साल की उम्र में मासिक छात्रवृत्ति एवं 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख का फंड दिया जाएगा।

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