उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में बीजेपी ने इसकी तैयारी अभी से ही शुरू कर दी है।बीजेपी ने इस बार वर्तमान में मौजूद 30 फीसदी विधायकों का टिकट काटने का मन बना लिया है।दरअसल जिन विधायकों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है उन विधायकों का टिकट कटना लगभग तय है। इसी के ही साथ पार्टी नेताओं का भी कहना है कि जिन विधायकों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है।उनकी टिकट काटकर एंटी इनकंबेसी को भी कम किया जा सकता है।
अगर पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो उत्तराखंड में बीजेपी की जीत मोदी लहर के कारण संभव हो गई थी। बीजेपी ने 70 विधानसभा सीटों में से 57 सीटें जीती थी। हालांकि जानकारों की माने तो जीत को लेकर खुद बीजेपी भी स्पष्ट नहीं थी, लेकिन इस बार परिस्थितियां बदली हुई हैं तो ऐसे में बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व भी अपनी रणनीति में फेरबदल कर रहा है।
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विधायकों की परफॉरमेंस को लेकर पार्टी संगठन से लेकर हाईकमान तक एक-एक कर सर्वे करा रहे हैं। एक सर्वे तो स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी टीम से नमो एप के जरिए करा रहे हैं। इसमें अपने क्षेत्र के पसंदीदा तीन नेताओं के नाम, क्षेत्र के विधायकों की कार्य शैली और उनकी परफॉरमेंस, सरकारी योजनाओं का लाभ समेत अन्य कई बिंदुओं पर सुझाव लिए जा रहे हैं। इसी के साथ पार्टी हाईकमान के निर्देश पर एक प्राइवेट एजेंसी के मार्फत 120 दिन का तीन चरणों का सर्वे भी अगस्त में शुरू हो चुका है। ये सर्वे भी टिकट बंटवारे के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।