भू-कानून के मुद्दे पर नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में बुधवार को विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग सत्याग्रह करेंगे। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप भी इस सत्याग्रह में शामिल होंगे।उन्होंने बताया कि 18 अगस्त को दिल्ली में स्थित उत्तराखंड सदन के सम्मुख उत्तराखंड भू-कानून संघर्ष समिति दिल्ली एनसीआर की ओर से सत्याग्रह आंदोलन का आगाज किया गया है। जिसमें विभिन्न संगठनों और दलों के लोग शामिल होंगे।
श्रीनगर में उत्तराखंड सनातन धर्म एवं मठ मंदिर रक्षा महासंघ ने हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भू-कानून लागू करने की मांग की है। महासंघ ने स्थानीय लोगों से अपनी संपत्ति बाहरी लोगों को न बेचने की भी अपील की है। श्री कमलेश्वर मठ परिसर में उत्तराखंड सनातन धर्म एवं मठ मंदिर रक्षा महासंघ की बैठक संपन्न हुई। इस अवसर पर चारधामों के तीर्थपुरोहितों की मांग का समर्थन करते हुए सरकार को देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को खत्म करने का सुझाव दिया गया।
महासंघ ने श्रीनगर-धारी देवी-देवलगढ़-खिर्सू पर्यटन सर्किट बनाने की कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत की पहल का स्वागत करते हुए द्रुत गति से कार्य करवाने की मांग की। महासंघ ने उत्तराखंड में मठ-मंदिरों से जुड़े लोगों से एक मंच पर आने का अनुरोध किया। साथ ही मठ-मंदिरों में रहने वाले लोगों को लाइसेंसी हथियार लेने का भी सुझाव दिया।
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सदस्यों ने सरकार से मठ-मदिरों से जुड़े महंत, पुजारी, पंडितों और सेवादारों को पेंशन देने की मांग की। बैठक की अध्यक्षता कमलेश्वर मठ के महंत आशुतोष पुरी और संचालन राज राजेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी कुंजिका प्रसाद उनियाल ने की।इस अवसर पर आचार्य आनंद नौटियाल, मुकेश चमोली, वैभव सकलानी, मुकेश राणा, गणेश सेमवाल, संतोष पुरी, ऋषभ गिरि, विमल जोशी, प्रदीप फोंदणी, दिगंबर भट्ट, प्रेमानंद मैठाणी, जगदीश नैथानी, सुनील नौटियाल, राकेश पुंडीर, आशाराम पुरी, ओंकार नौटियाल आदि मौजूद थे।