देहरादून। आज पर्यावरणीय समस्याओं के चलते दुनिया क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग जैसे खतरों से जूझ रही है। इससे निपटने के लिए आज दुनिया सस्टेनेबल डेवलपमेंट को अपनाने पर जोर दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विकास में सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लक्ष्यों का पालन करने का आह्वान किया है। इस कड़ी में अब उत्तराखंड में धामी सरकार ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट को लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) प्रदेश के प्रत्येक जिले में क्लाइमेट रिलिजिएंट स्कूल विकसित करने जा रहे हैं। इन स्कूलों में छात्रों को सस्टेनेबल डेवलपमेंट व क्लाइमेट चेंज पर विशेष अध्ययन कराया जाएगा, जिससे ये छात्र प्रदेश में सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान दे सकेंगे।
वैज्ञानिकों ने चेताया- उत्तराखंड पर क्लाइमेट चेंज का बुरा प्रभाव
वैसे उत्तराखंड समेत अन्य हिमालयी राज्यों पर क्लाइमेट चेंज का बुरा असर पड़ता रहा है। यहां ग्लेशियर, नदियों व जल स्त्रोतों के स्वरूप में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलता रहता है। यह आपदाओं का कारण भी बनता है। दिसंबर 2023 में उत्तराखंड में हुई छठवें राष्ट्रीय आपदा सम्मेलन में भी देश-विदेश से आए वैज्ञानिकों ने यह स्वीकारा था कि उत्तराखंड जैसे हिमालयी राज्य क्लाइमेट चेंज से अधिक प्रभावित हो रहे हैं। इसे रोकने की दिशा में तेजी से उपाय करने की आवश्यकता है।
सस्टेनेबल डेवलपमेंट में उदाहरण पेश कर रहा है उत्तराखंड
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने राज्य के विकास में इकोनॉमी व इकोलॉजी मॉडलअपनाया है। इसके तहत विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाते हुए राज्य की तरक्की सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। पूर्व में भी धामी कैबिनेट पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने और सौलर ऊर्जा के रूप में नवीनीकरणीय ऊर्जा को अपनाने का फैसला लिया है। इसके अलावा कई पर्वतीय क्षेत्रों में भू-तापीय ऊर्जा का उत्पादन भी शुरू किया गया है।
‘गांव चलो अभियान’ से पलायन मिटाने निकले सीएम धामी
सीएम धामी (CM Dhami) निर्माण में भी पर्यावरणीय मानकों को सख़्ती से भी लागू कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने पिछले कार्यकाल में उत्तराखंड मेंग्रोस इन्वायरमेंट प्रोडक्ट् (जीईपी) लागू करने की दिशा में भी आगे बढ़ी है। ऐसे में सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में उत्तराखंड अन्य राज्यों के लिए उदाहरण पेश कर रहा है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने विकास में पर्यावरणीय मानकों का पालन करने हेतु 17 लक्ष्य निर्धारितकिये हैं।