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सुरंग से सकुशल बाहर आए सभी 41 मजदूर, सीएम धामी ने जाना हालचाल

Uttarkashi Tunnel Rescue

Uttarkashi Tunnel Rescue

सिलक्यारा/देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग (Uttarakhand Tunnel Rescue) में गत 12 नवंबर सुबह से फंसे 41 मजदूरों को लगभग 17 दिनों बाद मंगलवार को सकुशल बाहर निकाला जाना संभव हो गया।

सुरंग (Tunnel)  से जिंदगी की जंग जीत कर बाहर आए पहले बैच के पहले मजदूर को उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने माला पहनाकर स्वागत किया है। पाइप के जरिए सबसे पहले बाहर आने वाले मजदूर का नाम विजय होरो है। वह खूंटी का रहना वाला है। टनल से बाहर निकने के बाद विजय ने अपने परिवार से मुलाकात की। अपनी पत्नी और माता-पिता से मिला।

उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सभी रेस्क्यू (Uttarakhand Tunnel Rescue) किए गए मजदूरों से मुलाकात की है। उनका हालचाल जाना है। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल (से.नि) वीके सिंह भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों और रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए कर्मियों के मनोबल और साहस की जमकर सराहना की है। सीएम धामी ने बाहर निकाले जा रहे श्रमिकों के परिजन से भी मुलाकात की। मजूदरों के परिजन भी टनल पर मौजूद हैं।

सीएम धामी और विदेशी एक्सपर्ट ने की थी बाबा बौख नाग की पूजा

बता दें कि, मजूदरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के लिए बाबा बौख नाग के प्रकोप की बात सामने आने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विदेश से आए इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने बाबा बौखनाग की पूजा अर्चना की थी।

सीएम धामी ने एक्स हैंडल पर लिखा था कि ”बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।”

12 नवंबर को हुआ था सुरंग हादसा

आपको बता दें कि 12 नवंबर 2023 को सिल्कयारा से बारकोट तक निर्माणाधीन सुरंग में 60 मीटर हिस्से में मलबा गिरने से सुरंग ढह गई। फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा तत्काल संसाधन जुटाए गए। पांच एजेंसियों- ओएनजीसी, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, एनएचआईडीसीएल और टीएचडीसीएल को विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जो परिचालन दक्षता के लिए सामयिक कार्य समायोजन के साथ मिलकर काम कर रही हैं।

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