बागेश्वर: उत्तर प्रदेश में भले ही लोग बारिश के लिए तरस रहे हो लेकिन देश के कई पहाड़ी व राज्यों में बारिश (Rain) ने तबाही मचा रखी है। उत्तराखंड के बागेश्वर के मुनार में शनिवार रात भारी बारिश होने की वजह से लोगो का जीना दूभर हो गया है। भारी बारिश से लोगो का वाहन से चलना दूभर हो गया है, कई किलोमीटर सड़क बह गई, जिससे मार्ग पर आवाजाही प्रभावित हो गया। अब लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए पैदल सफर कर जाना पड़ रहा है। मुनार में कई ग्रामीण दहशत में है और कई दुकानों में मलबा घुस गया।
मुनार दूरस्थ क्षेत्र है, जिसके मंडूवे की बिस्किट की तारीफ पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में की थी। कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया भी आपदा ग्रस्त क्षेत्र में पहुंच कर लोगों से मुलाक़ात कर नुकसान व उनके हाल की जानकारी ली। मूसलाधार बारिश ने कपकोट के कई क्षेत्रों में कहर बरपा रहा है, जिले में 20 सड़कों पर यातायात अब भी पूरी तरह से बाधित है। बारिश इतनी तेज थी कि ग्रामीणों को लगा बादल फट गया और पूरी रात डर में काट ली। सड़कें क्षतिग्रस्त होने से दर्जनों गांवों की आवाजाही बाधित हो गई है।
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सरयू के उफान पर आने से बागेश्वर में बागनाथ मंदिर के पास तक नदी का पानी पहुंच गया। सरयू का जलस्तर 867.20 मीटर और गोमती का जलस्तर 863.90 मीटर था, दोनों नदियों का चेतावनी स्तर 869.70 मीटर और खतरनाक स्तर 870.70 मीटर है। फिलहाल मलबा आने से बंद हुई सड़कों को खोलने का काम चल रहा है। राजस्व विभाग की टीम ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश से हुए नुकसान का आंकल करने में जुटी है।