देहरादून: भारतीय जनता पार्टी (BJP) देश में समान नागरिक संहिता की जो कवायद लंबे समय से चला रही है, उसे अब उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री पूरा करने चले हैं। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। पहाड़ी राज्य के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने गुरुवार को यह घोषणा की। समान नागरिक संहिता (UCC) पूरे देश के लिए एक समान कानून बनाने और लागू करने का आह्वान करती है।
यह एक समान कानून विवाह, तलाक, संपत्ति के उत्तराधिकार, गोद लेने और ऐसे अन्य मामलों में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होगा। समान नागरिक संहिता का भारतीय संविधान के भाग 4, अनुच्छेद 44 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है, “राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा।”
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अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा। भारत में समान नागरिक संहिता पर पहली याचिका 2019 में राष्ट्रीय एकता और लैंगिक न्याय, समानता और महिलाओं की गरिमा को बढ़ावा देने के लिए एक UCC के गठन की मांग के लिए दायर की गई थी।