लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में अब प्रति हजार एक से कम मलेरिया (Malaria) मरीज मिल रहे हैं। 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग इसे शून्य श्रेणी यानी मलेरिया मुक्त प्रदेश बनाने के लिए अस्पतालों-स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है। इस साल का थीम है- अधिक नयायोचित विश्व के लिए मलेरिया (Malaria) के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाना।
अपर निदेशक मलेरिया डॉ सईद अहमद ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखकर जनजागरूकता के लिए सभी जरूरी गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। पत्र के मुताबिक वर्ष 2027 तक देश-प्रदेश को मलेरिया मुक्त करने के लिए बीमारी की रोकथाम व इस रोग के संबंध में जागरूकता बढ़ाना सर्वोच्च प्राथमिकता है जिसमें जनता को शुरुआती लक्षणों, सावधानियों और उपचार विकल्प के बारे में शिक्षित करना शामिल है।
उन्होंने विद्यालयों के छात्रों के माध्यम से जनपद में जागरूकता रैली निकालने, हर रविवार मच्छर पर वार अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन करने और जनसमुदाय को मच्छर के प्रजनन स्थल व जल पात्रों को खाली करने के बारे में अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।
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संयुक्त निदेशक मलेरिया डॉ विकास सिंघल ने लोगों से अपील की कि मलेरिया (Malaria) उन्मूलन में सामुदायिक सहभागिता जरूरी है। किसी को मच्छर नजर आए तो उसको भगाने के उपाय करने चाहिए। अपने आसपास साफ सफाई रखना चाहिए। अगर बुखार आ जाए तो खुद इलाज न करें। पास के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर से परामर्श करें।
बचाव के उपाय
• लक्षण महसूस होने पर तुरंत जांच कराएं
• दवाएं डाक्टर के परामर्श पर ही लें
• मच्छरदानी का प्रयोग करें
• आसपास पानी का जमाव न होने दें
• पानी के बर्तनों को ढककर रखें
• कूड़ेदान का प्रयोग करे और ढक्कन खुला न रखें
• शयनकक्ष में कीटनाशक का छिड़काव भी कर सकते हैं