लखनऊ। यूपी के लाखों शिक्षक 21 जनवरी को सामूहिक अवकाश पर जाने वाले हैं। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों के पास सामूहिक रूप से आवेदन भी भेजा गया है। प्रदेश के करीब पांच लाख शिक्षकों की ओर से अवकाश के लिए ये आवेदन भेजा गया है। यह शिक्षक प्रदेश में संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के हैं।
आखिर 21 जनवरी को अवकाश लेकर ये शिक्षक ऐसा क्या करने जा रहे हैं?
अब सवाल है कि ये शिक्षक इतनी बड़ी संख्या में ऐसा कदम क्यों उठा रहे हैं? आखिर 21 जनवरी को अवकाश लेकर ये शिक्षक ऐसा क्या करने जा रहे हैं? बता दें कि ये शिक्षक प्रदेश के सरकारी स्कूलों की ढांचागत व बुनियादी सुविधाओं की कमी, कर्मचारियों की कमी को पूरा करने और शिक्षकों के लिए पेंशन की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने नवंबर में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से बात भी की थी, लेकिन बातचीत विफल रही।
संघ ने 21 जनवरी को प्रदेश के सभी स्तर के विद्यालयों में तालाबंदी करने का निर्णय लिया
इसके बाद संघ ने 21 जनवरी को प्रदेश के सभी स्तर के विद्यालयों में तालाबंदी करने का निर्णय लिया है। साथ ही सामूहिक अवकाश लेकर शिक्षकों से जनपद स्तर पर प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। महासंघ के संयोजक व एमएलसी ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि शिक्षक महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से वार्ता की। इस पर उपमुख्यमंत्री ने महासंघ के ज्ञापन में सम्मिलित बिंदुओं पर चर्चा करने में असमर्थता व्यक्त कर दी। उन्होंने बताया कि शिक्षक समुदाय सरकार की उपेक्षा नीति से आहत है। उन्होंने बताया कि 21 जनवरी को शिक्षक सामूहिक अवकाश लेकर अपने-अपने जनपदों में प्रदर्शन करेंगे।
- सरकार पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करे।
- नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ दें।
- समान कार्य के लिए समान वेतन दें।
- समान सेवा शर्तें प्रभावी बनाए।
- रिक्त शिक्षकों के पदों को भरें ।