UPSIDA

UPSIDA ने एआरसीआईएल से मांगा 778 करोड़ रुपए बकाए का भुगतान

147 0

लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Government) ने एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी इंडिया लिमिटेड (एआरसीआईएल) से गाजियाबाद के औद्योगिक क्षेत्र सूरजपुर स्थित औद्योगिक प्लॉट नंबर ए -1 पर बकाया भुगतान के साथ ही प्लॉट की खरीद के लिए उसे प्राथमिकता दिए जाने की मांग की है। प्रदेश सरकार में औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) मनोज कुमार सिंह ने पत्र लिखकर कहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) का संपत्ति में गंभीर हित निहित है। इसे ध्यान में रखते हुए, UPSIDA के बकायों का भुगतान किया जाना चाहिए और प्राधिकरण को प्लॉट खरीदने का विकल्प भी दिया जाना चाहिए। साथ ही, ये भी अपील की है कि संपत्ति पर उच्चतम बोलीदाता द्वारा लगाई गई कीमत या बोली रद की जानी चाहिए और यूपीसीडा को बोली में भाग लेने की अनुमति देने के लिए प्लॉट की बोली फिर से लगाई जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि यूपीसीडा का प्लॉट पर 31 मार्च 2023 तक कुल बकाया 777.84 करोड़ रुपए है, जिसमें ट्रांसफर चार्ज, ब्याज, लीज रेंट, टाइम एक्सटेंशन फीस आदि शामिल हैं। इसके अलावा, यूपीसीडा ने प्लॉट की पुनर्खरीद की भी इच्छा जाहिर की है। इस भूखंड का कुल आकार 82.56 हेक्टेयर (204 एकड़) है जिसका कवर एरिया 19.65% था। यह यूपीसीडा की ही प्रॉपर्टी थी, जिसे 06 जुलाई 1982 को मैसर्स डीसीएम टोयोटा लिमिटेड को आवंटित किया गया था।

UPSIDA के ऑफर से भी कम में हो रही डील

आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह ने आशंका जताई है कि रिकवरी अधिकारी, डीआरटी -2, मुंबई मैसर्स शकुंतलम लैंडक्राफ्ट प्रा. लि. के पक्ष में 359 करोड़ रुपए की राशि में बिक्री को अंतिम रूप दे रहा है। यह कीमत यूपीसीडा द्वारा की गई आरक्षित मूल्य से 10% अधिक की पेशकश से बहुत कम है जो कि 390.50 करोड़ रुपए है। 23 नवंबर 2020 को UPSIDA की बोर्ड बैठक में यूपीसीडा को 350 करोड़ रुपए के आरक्षित मूल्य से 10% अधिक राशि के साथ डीआरटी के नेतृत्व वाली नीलामी में भाग लेने के लिए अधिकृत करने का निर्णय लिया गया था।

UPSIDA की ओर से 23 जनवरी 2023 को एक पत्र भेजकर प्लॉट की पुनर्खरीद के लिए प्रस्ताव मांगा गया था। एआरसीआईएल ने यूपीसीडा के उस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। रिकवरी अधिकारी, ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने 06 जुलाई 2023 को 355 करोड़ रुपए के आरक्षित मूल्य के साथ फिर से बिक्री नोटिस जारी किया। बिक्री नोटिस में यह उल्लेख किया गया था कि डीआरटी न्यायालय में प्राधिकरण के 777.84 करोड़ रुपए के बकाए के बारे में एक मामला लंबित है, जिसके बारे में एआरसीआईएल में अपील दायर की गई है।

UPSIDA ने 22 अगस्त 2023 को ई-मेल के माध्यम से डीआरटी को बोली में भाग लेने की अपनी इच्छा के बारे में लिखा और बोली की नियत तारीख को पुनर्निर्धारित करने का अनुरोध किया था। हालांकि, बाद में पता चला कि डीआरटी ने प्राधिकरण के अनुरोधों को स्वीकार किए बिना ही बिक्री की प्रक्रिया शुरू कर दी।

1982 में डीसीएम टोयोटा लिमिटेड को आवंटित हुआ था भूखंड

दरअसल, यह भूखंड उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) (अब उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण-UPSIDA) द्वारा 06 जुलाई 1982 को मैसर्स डीसीएम टोयोटा लिमिटेड को आवंटित किया गया था। 05 अप्रैल 1989 को आईसीआईसीआई बैंक के पक्ष में भूखंड को गिरवी रखने की अनुमति दी गई थी। कंपनी के संविधान में मैसर्स डीसीएम टोयोटा लिमिटेड से बदलकर मैसर्स देवू मोटर्स इंडिया लिमिटेड कर दिया गया था। नाम परिवर्तन के लिए 6.97 करोड़ रुपए की हस्तांतरण लेवी के साथ अनुमति प्रदान की गई थी।

मेसर्स देवू मोटर्स ने अभी तक यूपीएसआईडीसी को वसूले गए ट्रांसफर लेवी का भुगतान नहीं किया है। डीआरटी, मुंबई ने इस जमीन को मैसर्स पेन इंडिया मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया। यूपीएसआईडीसी ने 28 जून 2010 के पत्र के माध्यम से 8.36 करोड़ रुपए की हस्तांतरण लेवी और 22.24 करोड़ रुपए की पूर्व देय राशि के भुगतान के साथ हस्तांतरण के लिए सहमति प्रदान की। मेसर्स पेन इंडिया ने ट्रांसफर लेवी का 25% यानी 2.12 करोड़ रुपए जमा किए और UPSIDA के बकाए का आगे कोई भुगतान नहीं किया। 31 मार्च 2023 तक प्लॉट पर कुल बकाया 777.84 करोड़ रुपए है, जिसका भुगतान मेसर्स पेन इंडिया मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड को करना था। UPSIDA ने डीआरटी कोर्ट और एआरसीआईएल को उपरोक्त स्थिति और लंबित बकाया राशि के बारे में लिखित रूप से अवगत कराया है।

Related Post

cm yogi

दुनिया के लिए संकट का साथी है आज का नया भारत: सीएम योगी

Posted by - June 20, 2023 0
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नौ वर्ष के सफल कार्यकाल के उपलक्ष्य में मंगलवार…
CM Yogi

सशस्त्र बल मात्र रक्षा ढांचा नहीं, यह राष्ट्र की सुरक्षा की एक मजबूत नींव भी: सीएम

Posted by - September 3, 2024 0
लखनऊ : सशस्त्र बल केवल एक रक्षा ढांचा मात्र नहीं है, बल्कि यह हमारी राष्ट्र की सुरक्षा की एक मजबूत नींव…