मथुरा। राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा कि सत्ता के मद में चूर भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश का किसान और नौजवान वोट की चोट देगा।
समाजवादी पार्टी और रालोद की किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुये श्री चौधरी ने कहा कि पिछले कुछ महीने से चल रही किसान पंचायत कोई साधारण पंचायत नही हैं। ये पंचायत किसानों का भविष्य तय कर रही हैं। जैसे इसी क्षेत्र से जब 1894 के भूमि अधिग्रहण के ख़िलाफ़ आंदोलन चलाया तो उस काले क़ानून को ख़त्म कराया गया। उसी प्रकार ये पंचायतें इन तीन काले क़ानूनों को ख़त्म करायेंगी।
चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आज किसान दोबारा से अपनी उस ताक़त को पहचान रहा हैं, जो उसने चौधरी चरण सिंह के समय में प्राप्त की थी। जिस प्रकार चौधरी चरण सिंह को वोट देते हुए कोई जाति देख कर वोट नहीं देता था। मैं दोबारा से वही दिन देखना चाहता हूं। मैं तो वह दिन देखना चाहता हूं कि अखिलेश यादव मथुरा से चुनाव लड़े और मैं ग़ाज़ीपुर से।
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किसान आंदोलन पर बोलते हुए जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा कि इन्होंने इस पवित्र आंदोलन को भी कभी खलिस्तनियों का आंदोलन बताया। तो कभी हरियाणा-पंजाब का आंदोलन बताया। फिर बाद में इसे जाटों का आंदोलन बताते रहे, लेकिन इन किसान पंचायतों में आ रहे सभी धर्मों और जातियों के किसान-मज़दूरों ने ये साबित कर दिया की ये किसान का आंदोलन है। अब फिर साक्षी महाराज जैसे लोग इस आंदोलन को आतंकवादियों का आंदोलन बता रहे हैं। इसलिए किसानों को अपना सामाजिक गठजोड़ मज़बूत करना होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा कि आज सरकार को चार साल हो रहे हैं जिसके जश्न को मनाने के लिए पूरे हफ़्ते कार्यक्रम आयोजित कराये जाएगें, जिनमें अरबों-खरबो रुपए खर्च किए जाएंगे। क्या ऐसे माहौल में जब नौजवान बेरोज़गार हो, किसान की फसल के समय पर और उचित दाम नही मिल रहा हो तब ये फ़िज़ूल खर्ची की जा सकती हैं भला। इन्हें किसान और नौजवान की कोई फ़िक्र नही हैं?
श्री योगी अख़बारों में रोज़ इश्तहार दे कर बता रहे हैं कि चार लाख सरकारी नौकरियां दे दी। कभी कहते हैं एक करोड़ 70 लाख नौकरियां दे दी। उससे पहले कहते थे कि 25 लाख लोगों को नौकरियां दे दी हैं। इनको खुद नहीं मालूम कि इन्होंने किया क्या है? इनका बस एक ही तरफ़ दिमाग़ चलता हैं कि कैसे समाज को बांटे, उसमें ज़हर फैला कर अपना उल्लू सीधा करें। पर इस बार किसान और नौजवान इनकी चालों को समझ रहा है और अब वह इनके झूठ के परपंच में नहीं फंसने वाला है।