नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2019 का रिजल्ट मंगलवार को घोषित हो गया है। यूपीएससी-2019 परीक्षा में प्रदीप सिंह ने पहला स्थान हासिल किया है। तो वहीं दूसरे स्थान पर जतिन किशोर और तीसरे स्थान पर प्रतिभा वर्मा रही हैं।
ASI राजकुमार की बेटी विशाखा यादव ने इस परीक्षा में छठी रैंक हासिल की
वहीं दिल्ली पुलिस के द्वारका डीसीपी दफ्तर में तैनात एक ASI राजकुमार की बेटी विशाखा यादव ने इस परीक्षा में छठी रैंक हासिल की है। बता दें कि विशाखा यादव का यह तीसरा प्रयास था। इससे दो प्रयासों में विशाखा ने प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं पाई थी। इस बार कुल 829 उम्मीदवारों का चयन हुआ है।
टॉप तीन लड़कियों में विशाखा यादव को दूसरा स्थान मिला
बता दें कि विशाखा यादव उत्तर प्रदेश की मथुरा की रहने वाली हैं। विशाखा ने बीटेक दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनिरिंग से की है। बेंगलुरु में दो साल की इंजीनियरिंग की नौकरी करने के बाद विशाखा ने यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया। पिछले तीन-चार साल से विशाखा यूपीएससी इग्जाम की तैयारी कर रही थी। विशाखा ने तीसरे प्रयास में छठी रैंक हासिल की है। इससे पहले दो प्रयास में विशाखा ने यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर सकी थी। विशाखा ने अपने इंटरव्यू में कहा है कि उनके पिता दिल्ली पुलिस में काम करते हैं। यही वजह है कि मैं यूपीएससी के लिए मन बनाया। उन्होंने कहा कि मैं फाइनेंशियल स्वतंत्रता हासिल करना चाहती थी।
इस साल यूपीएससी की परीक्षा में टॉप 10 में से तीन लड़कियां रही
बता दें कि इस साल यूपीएससी की परीक्षा में टॉप 10 में से तीन लड़कियां रही हैं। प्रतिभा वर्मा ने तीसरा स्थान हासिल किया है तो विशाखा यादव ने छठी रैंक हासिल की है। वहीं संजीता मोहपात्रा ने 10वीं रैंक हासिल की है।
कोरोना महामारी के बीच सिविल सर्विस परीक्षा-2019 के परिणाम कई मायने में खास
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बीच सिविल सर्विस परीक्षा-2019 के परिणाम कई मायने में खास है। साल 2018 के यूपीएसी परीक्षा में 93वीं रैंक हासिल करने वाले प्रदीप सिंह को इस बार 26वीं रैंक मिला है। प्रदीप सिंह बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं. प्रदीप सिंह का परिवार इंदौर में रहता है। प्रदीप सिंह के पिता एक पेट्रोल पंप पर काम करते हैं।
प्रदीप सिंह ने जब पहली बार यूपीएससी परीक्षा पास की थी तो उस समय उनकी उम्र मात्र 22 साल की थी। प्रदीप सिंह को पिछले साल इंडियन रेवेन्यू सर्विस मिला था। मन मुताबिक पद नहीं मिलने की वजह से उन्होंने इस साल फिर से प्रयास किया और कामयाबी के परचम लहराया है।