लखनऊ। इस बार होने जा रहे पंचायत चुनाव में हिंसा की घटनाओं को काबू करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है। 2015 में हुए पंचायत चुनाव में बड़े पैमाने पर छिटपुट हिंसा की घटनाएं हुई थी लेकिन इस बार होने जा रहे पंचायत चुनाव में हिंसा की घटनाओं को काबू करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है। उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस विभाग ने एक नया सी प्लान ऐप (C plan app) डिवेलप किया है।
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मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो सकती है। 2015 में हुए पंचायत चुनाव में बड़े पैमाने पर छिटपुट हिंसा की घटनाएं हुई थी लेकिन इस बार होने जा रहे पंचायत चुनाव में हिंसा की घटनाओं को काबू करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है।
वहीं पंचायत चुनाव के लिए पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए वर्तमान सरकार गांव के संवेदनशील, अतिसंवेदनशील बूथों के चिन्हीकरण के साथ-साथ गांव के ऐसे अराजक तत्व, अपराधी और वांछित अभियुक्तों पर भी पाबंद करके कार्रवाई कर रही है। वही गांव में समितियों के माध्यम से पुलिस और प्रशासन की टीम में पूरी तरह से नजर रख रही हैं जिससे कि किसी भी पैमाने पर हिंसा की घटनाओं को रोका जा सके और पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाया जा सके।
सी प्लान एप (C plan app) के माध्यम से पंचायत चुनाव में हिंसा को रोकने की तैयारी
उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस विभाग ने एक नया सी प्लान ऐप (C plan app) डिवेलप किया है। पुलिस मुख्यालय के कंट्रोल रूम से सी प्लान ऐप की लगातार निगरानी की जाती है। समय-समय पर ऐप से जुड़े सदस्यों से समन्वय स्थापित करते हुए क्षेत्र में हो रही आपराधिक गतिविधियों, अफवाहों, आयोजनों आदि के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा रही है। सी-प्लान ऐप (C plan app) को कम्युनिटी पुलिसिंग, आमजन से सीधे संवाद, बेहतर कानून-व्यवस्था, पुलिस से जुड़ी समस्याओं का शीघ्र निस्तारण और पुलिस के कार्यों में जनता की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से डिवेलप किया गया है।
पुलिस और प्रशासन के द्वारा क्या है तैयारी
पंचायत चुनाव में हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए 2015 के पंचायत चुनाव के अनुभव के आधार पर वर्तमान पुलिस और प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। सपा शासनकाल में 2015 में पंचायत चुनाव हुए थे उस समय उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एके जैन थे। पूर्व डीजीपी ने बताया कि पंचायत चुनाव में हिंसा को रोकने के लिए सबसे जरूरी है पचायत स्तर पर समितियों और पुलिस और प्रशासन की अलग-अलग टीमों को बनाकर काम किया जाना चाहिए। वही हिंसा को रोकने के लिए ऐसे अराजक तत्व ,गुंडा एक्ट और गैंगस्टर के साथ-साथ वांछित लोगों को भी पाबंद किया जाना चाहिए।