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35 साल की बेदाग सेवा के बाद असम्मानजनक विदाई से नाराज है यूपी स्टेट IPS कैडर

LUCKNOW POLICE HEADQUARTER

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के पी पी एस संवर्ग से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले यूपी स्टेट के आईपीएस कैडर तक का सुरक्षित सफर करने वाले 4 आईपीएस अधिकारियों की असम्मानजनक विदाई पर यूपी पुलिस (UP Police) अधिकारियों में नाराजगी है। उनके पूरे कैरियर में आम जनता के बीच पुलिस के एक समर्पित अधिकारी की छवि बनी हुई है।
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कुख्यात शूटर श्री प्रकाश शुक्ला के एनकाउंटर के बाद राजेश पांडेय की पुलिस महकमे में अलग ही छवि थी। अपनी जिम्मेदारी का हमेशा पूर्ण निर्वहन करने के बाद इस पद तक पहुंचने वाले वह पहले अधिकारी थे। उन्हें आईजी बरेली के पद से हटाकर अभी मुख्यालय पर नियुक्त किया गया है।  गणतंत्र दिवस पर प्लैटिनम डिस्क अवार्ड से भी इन्हें सम्मानित किया जाता है।

उत्तर प्रदेश पुलिस(UP Police)  के पी पी एस संवर्ग से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले यूपी स्टेट के आईपीएस कैडर तक का सुरक्षित सफर करने वाले 4 आईपीएस अधिकारियों की असम्मानजनक विदाई पर यूपी पुलिस(UP Police)  अधिकारियों में नाराजगी है।

सुभाष बघेल

राष्ट्रपति पदक से सम्मानित झांसी रेंज के आईजी सुभाष सिंह बघेल को बेरुखी से विदाई दे दी गई।  प्रोन्नति से पूर्व एसएसपी मेरठ, फैजाबाद, एसपी बिजनौर, अमरोहा, शामली में फतेहगढ़ में तैनात रहे। इनको 2005 में पुलिस पदक तथा पुलिस महानिदेशक का गोल्ड और 1 सिल्वर पदक संसद में भी प्रदान किया जा चुका है।

आईजी पीयूष श्रीवास्तव

इसी तरह आईजी पीयूष श्रीवास्तव आईजी मिर्जापुर से हटाए गए जबकि, आईजी सुभाष बघेल आईजी झांसी से हटाए गए हैं। इन सभी अधिकारियों को लखनऊ में साइड पोस्टिंग दी गई है।  ये सभी अधिकारी 35 साल स्टेट की सेवा करके आईजी के पद पर पहुंचे थे। इस बात को लेकर कैडर में नाराजगी निचले स्तर पर भी है।

आईजी श्रीपर्णा गांगुली

इसी तरह महिला अधिकारी होने के वावजूद एक अलग छाप छोड़ने वाली आईजी श्रीपर्णा गांगुली को नोएडा से हटाया गया है जबकि, उनके सेवानिवृत्त होने का समय नजदीक है। अधिकारियों में नाराजगी इस बात को लेकर है कि जब आईपीएस अधिकारी पुलिस महानिदेशक जैसे महत्त्वपूर्ण पद पर रहने के बाद भी अंतिम दिन तक अपनी सेवा दे सकते हैं तो यूपी स्टेट कैडर हासिल करने वाले अधिकारी क्यों अंतिम दिन तक पद पर रहकर कार्य नहीं कर सकते हैं।

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