लखनऊ। कानून-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) धर्म और जाति को लेकर कार्रवाई नहीं करती है। बल्कि निशाने पर वो लोग हैं, जो खुद को जुर्म की दुनिया का बेताज बदशाह समझता है। ऐसे अपराधी जिन्होंने पूर्व की सरकारों के संरक्षण में अपराध का पूरा नेटवर्क खड़ा कर लिया था। वसूली, हत्या, रेप, लूट और अवैध कब्जा जैसे जघन्य अपराध इनके लिए मामूली घटनाएं हुआ करती थीं। जिन्हें न पुलिस (Police) का डर था और न ही किसी एक्शन की परवाह। आज ऐसे सभी अपराधी प्रदेश सरकार की सख्त छवि और अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति से भयभीत हैं।
यूपी पुलिस (UP Police) के पास मोस्ट वांटेड की सूची मौजूद
अल्पसंख्यक हों या बहुसंख्यक, पिछड़ी जाति हो या अगड़ी, अपराधों के प्रति योगी सरकार (Yogi Government) सख्ती से निपट रही है। इसका सटीक उदाहरण यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड क्रिमिनल सूची है। जिसमें उन लोगों को शामिल किया गया है, जिन्होंने गंभीर अपराध किए हैं। यह सूची धर्म और जाति को आधार बनाकर तैयार नहीं की गई है।
उल्लेखनीय है कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद विपक्षी नेता योगी सरकार पर अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे नेताओं के लिए यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड की सूची सबसे बड़ा सबक है।
प्रदेश में सूचीबद्ध किए गए माफिया
मेरठ जोन: उधम सिंह, योगेश भदोड़ा, बदन सिंह उर्फ बद्दो, हाजी याकूब कुरैशी, शारिक, सुनील राठी, धर्मेंद्र, यशपाल तोमर, अमर पाल उर्फ कालू, अनुज बारखा, विक्रांत उर्फ विक्की, हाजी इकबाल उर्फ बाला, विनोद शर्मा, सुनील उर्फ मूंछ, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा व विनय त्यागी उर्फ टिंकू, आगरा जोन के अनिल चौधरी व ऋषि कुमार शर्मा, बरेली जोन के एजाज, कानपुर जोन के अनुपम दुबे।
लखनऊ जोन: खान मुबारक, अजय प्रताप सिंह उर्फ अजय सिपाही, संजय सिंह सिंघाला, अतुल वर्मा, मु.सहीम उर्फ कासिम प्रयागराज जोन के डब्बू सिंह उर्फ प्रदीप सिंह, सुधाकर सिंह, गुड्डू सिंह, अनूप सिंह,
वाराणसी जोन: मुख्तार अंसारी, त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन सिंह, विजय मिश्रा, ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अखंड प्रताप सिंह, रमेश सिंह उर्फ काका।
गोरखपुर जोन: संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवेदी, राकेश यादव, सुधीर कुमार सिंह, विनोद कुमार उपाध्याय, राजन तिवारी, रिजवान जहीर, देवेन्द्र सिंह,
गौतमबुद्धनगर कमिनरेट: सुंदर भाटी, सिंहराज भाटी, अमित कसाना, अनिल भाटी, रणदीप भाटी, मनोज उर्फ आसे, अनिल दुजाना।
कानपुर कमिश्नरेट: सऊद अख्तर, कमिश्नरेट लखनऊ के लल्लू यादव, बच्चू यादव व जुगनू वालिया उर्फ हरिवंदर सिंह
प्रयागराज कमिश्नरेट: बच्चा पासी उर्फ निहाल पासी, दिलीप मिश्रा, जावेद उर्फ पप्पू, राजेश यादव, गणेश यादव, कमरुल हसन, जाविर हुसैन व मुजफ्फर
वाराणसी कमिश्नरेट : अभिषेक सिंह हनी उर्फ जहर, बृजेश कुमार सिंह व सुभाष सिंह ठाकुर
माफिया की गतिविधियों पर एसटीएफ की नजर
सूचीबद्ध माफिया की गतिविधियों पर एसटीएफ और जिला पुलिस कड़ी नजर रखती है। शासन स्तर से पहले अनुमोदित 25 सूचीबद्ध माफिया में माफिया मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन सिंह, संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा, ओमप्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू, सुशील उर्फ मूंछ, सीरियल किलर सलीम, रुस्तम व सोहराब समेत अन्य कुख्यातों के नाम शामिल थे।
मोस्ट वांटेड अपराधियों पर है इनाम
नाम निवासी इनाम
विवेक कुमार बुलंदशहर 50,000
सलीम मुख्तार सेख लखनऊ 50,000
संजीव नाला मुज्जफरनगर 50,000
सुनील महकर सिंह सहारनपुर 50,000
राम नरेश ठाकुर आगरा 50,000
विश्वास नेपाली वाराणसी 50,000
सुनील यादव वाराणसी 50,000
अजीम अहमद वाराणसी 50,000
मनीष सिंह वाराणसी 50,000
शहाबुद्दीन गाजीपुर दो लाख
अताउर्रहमान बाबू उर्फ सिकंदर गाजीपुर दो लाख
बहर उर्फ बहारुद्दीन कौशांबी 50,000
रुद्रेश उपाध्याय उर्फ पिंटू भदोही 50,000
आफताब आलम प्रयागराज 50,000
शिवा बिंद उर्फ शिव शंकर बिंद गाजीपुर 50,000
हरीश मुजफ्फरनगर दो लाख
सुमित मुरादाबाद दो लाख
बदन सिंह बद्दो मेरठ ढाई लाख
मनीष सिंह सोनू वाराणसी दो लाख
राघवेंद्र यादव गोरखपुर ढाई लाख
दीप्ति बहल गाजियाबाद पांच लाख
भूदेव बुलंदशहर पांच लाख
विजेंद्र सिंह हूड्डा मेरठ पांच लाख
राशिद नसीम लखनऊ पांच लाख
आदित्य राणा बिजनौर ढाई लाख
राम चरण उर्फ बौरा बारांबकी तीन लाख
दिनेश कुमार सिंह रायबरेली डेढ़ लाख