लखनऊ । नए कृषि कानूनों के लागू होने के बाद अब प्रदेश की मंडियों को प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए शासन स्तर से प्रयास भी शुरू हो गए हैं।
नए कृषि कानून के लागू होने के बाद मंडी समितियों को निजी क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जाने लगा है। समितियों में किसानों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें अत्याधुनिक स्वरूप देने की कवायद शुरू हो गई है। नई मंडी भी तैयार की जाने का प्रस्ताव है।
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प्रदेश की 17 प्रमुख मंडियों में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण प्रारंभ हो गया है। निर्माणाधीन कोल्ड स्टोरेज की भंडारण क्षमता 7000 टन से अधिक होगी। इसके अतिरिक्त कई मंडियों में कोल्ड पैकर और कैंपेनिंग चेंबर भी बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
मलिहाबाद में आम के लिए अलग से मंडी
राजधानी लखनऊ का प्रमुख मैंगो बेल्ट मलिहाबाद में आम की मंडी तैयार की जा रही है। इस मंडी को आम की फसल तैयार होने के पूर्व ही चालू किए जाने की तैयारी की जा रही है ताकि आम की बागों के मालिकों और आम के व्यापारियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बाजार मिल सके।
राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद (UP Mandi Parishad) के निदेशक जेपी सिंह ने बताया कि राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद पूरी तरह आत्मनिर्भर है। पिछले वर्ष हमारा व्यवसाय दो हजार करोड़ तक पहुंच गया था। इस बार कोरोना की वजह से थोड़ी गिरावट आई है। अगले वित्तीय वर्ष में आय और बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि उनका प्रयास है कि किसान और व्यापारी जब मंडी जाएं तो उन्हें सुकून महसूस हो। वर्तमान समय में प्रदेश में 251 मंडी कार्य कर रही हैं इसके अलावा उप मंडी स्थल और आर्टफेड भी बनाए गए हैं।