लखनऊ। विपक्षीय दल भले ही महिला सुरक्षा (Women Safety) को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) को घेरते हो। लेकिन वर्तमान की सरकार में महिलाएं और बहन-बेटियां सुरक्षित हैं। महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन ने चार अगस्त तक महिला अपराध संबंधी मामलों को लेकर अपनी रिपोर्ट दी है।
महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (Women and Child Protection Organization) के मुताबिक, चार अगस्त तक महिला अपराध संबंधी मामलों को 98.10 प्रतिशत तक निस्तारित कर पूरे देश में उत्तर प्रदेश ने पहला स्थान प्राप्त किया है। इसी तरह लंबित इन मामलों के निस्तारण में भी पूरे देश में उत्तर प्रदेश ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है जबकि इन मामलों में FIR दर्ज कर जांच के मामलों में पूरे देश में उत्तर प्रदेश पांचवें स्थान पर है।
महिला संबंधी अपराधों पर नकेल कसने के लिए शक्ति मोबाइल, महिला हेल्पडेस्क 1090, महिला पुलिस बीट व महिला बीट पुलिस अधिकारी की नियुक्ति, महिला रिपोर्टिग पुलिस चौकी परामर्श केन्द्र की स्थापना की गयी है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले छह सालों में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत एक करोड़ से अधिक ग्रामीण महिलाओं को आठ लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों, 54657 ग्राम संगठनों एवं 2935 संकुल स्तरीय संघों से जोड़ा गया है। अब तक 5,94,456 स्वयं सहायता समूहों को 891.68 करोड़ रिवॉल्विंग फंड तथा 4,10,610 स्वयं सहायता समूहों को 4516.71 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश निधि से लाभान्वित किया है।
पिछले छह वर्षों में 3.75 लाख स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को आजीविका की दिशा में 3339 करोड़ से अधिक के ऋण उपलब्ध कराए जा चुके हैं। वहीं, बुंदेलखंड में 3600 स्वयं सहायता समूह की 69 हजार से अधिक महिलाओं को बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी से जोड़ा है, जो वर्तमान में प्रतिदिन 2.24 लाख लीटर दूध का संग्रह कर डेयरी सेक्टर को नई ऊंचाइयां प्रदान कर रही हैं।
मिशन शक्ति (Mission Shakti) के तहत पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान(पीआरआईटी) द्वारा वर्तमान में 25 जिलों में लगभग 3693 महिला प्रधानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। विभिन्न चरणों में प्रदेश की 26 हजार से अधिक महिला ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षण दिया जाना है।
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बालिकाओं को शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत बालिकाओं को 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता छह चरणों में प्रदान की जा रही है। इस योजना से 13.67 लाख बेटियां लाभान्वित हो चुकी हैं। निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत प्रति लाभार्थी एक हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। अब तक 31.50 लाख महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। निर्धन परिवारों की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक योजना के तहत एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक के साथ ही सामान्य वर्ग के निर्धन परिवार भी आवेदन कर सकते हैं।
योजना का लाभ विधवा और तलाकशुदा भी उठा सकते हैं। अब तक कुल 191686 जोड़े योजना का लाभ उठा चुके हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत जननी और उसके बच्चे की देखभाल के लिए 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। पहले चरण में एक हजार रुपये, दूसरे चरण में दो हजार रुपये और तीसरे चरण में दो हजार रुपये गर्भवती महिलाओं को दिए जाते हैं। शेष एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता तब मिलती है, जब गर्भवती महिला बच्चे को किसी अस्पताल में जन्म देती हो या जननी सुरक्षा योजना की लाभार्थी हो। इसका अब तक 5255129 माताएं लाभ उठा चुकी हैं।
बीसी सखी, स्टार्टअप विलेज इंटर प्रोन्योरशिप प्रोग्राम, प्रेरणा ओजस्व, आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस, महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना एवं कृषि आजीविका, प्रेरणा कैंटीन, उत्पादक समूह, महिला सामथ्र्य योजना, झलकारी बाई, बदायुनी महिला प्रोड्यूसर कंपनी, काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी, दिव्यासंगम, जरकला हस्तशिल्प महिला प्रोड्यूसर कंपनी, थारू हस्तशिल्प वैल्यू चैन, प्रेरणा क्लस्टर वैल्यू चैन आदि योजनाएं चलाए जा रही हैं।