लखनऊ। ऊर्जा दक्षता कार्ययोजना के माध्यम से शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में एक दिवसीय कार्यशाला का का आयोजन हजरतगंज में किया गया। इसमे ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) एवं राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन एवं पर्यावरण डाक्टर अरूण कुमार शर्मा (AK Sharma) ने शिरक्कत की। एके शर्मा ने कहा कि व्यवहारिक परिवर्तन के साथ ही प्रौद्योगिकी के अनुसरण के लिए ऊर्जा दक्षता आवश्यक है।
उन्होंने (AK Sharma) कहा कि उप्र लगातार ऊर्जा की विशिष्ट दक्षता की ओर अग्रसर है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) भी लगातार प्रयास रत हैं कि कार्बन उत्सर्जन को कम करते हुए ऊर्जा को विभिन्न माध्यमों से प्राप्त करने का काम किया जाय। हम विश्व में अपने देश की प्रतिबद्धता व्यक्त किये गये कम कार्बन उत्सर्जन के अनुसार ही अपने प्रदेश का भी उसमें योगदान देना चाहते हैं। उसी के अनुसार हम आगे बढ़ रहे हैं। कम कार्बन उत्सर्जन में सौर ऊर्जा का विशेष महत्व है। उसके उपयोग के लिए हम आमजन को जागरूक करने के साथ ही विशेष रूप से अनुदान भी दे रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का ऊर्जा संरक्षण/सक्षमता की कार्य योजना बनाने के लिए आज एक संवाद आयोजित हुआ।
राज्य के वन-पर्यावरण व ऊर्जा विभाग एवं भारत सरकार की संस्थाओं द्वारा आयोजित इस वर्कशाप को मैंने सम्बोधित किया।#HumaraUP @UPPCLLKO @narendramodi @myogiadityanath pic.twitter.com/ue5GRpgFpe— A K Sharma (@aksharmaBharat) May 17, 2022
वन एवं पर्यावरण मंत्री डाक्टर अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि अक्षय ऊर्जा और विशिष्ट रूप से सौर ऊर्जा के उपयोग से शून्य उत्सर्जन को प्राप्त करने में सफलता हाथ लगेगी। हमें सौर ऊर्जा को प्राप्त करने और उसके अधिकतम उपयोग पर ध्यान देना चाहिए। इससे हम पर्यावरण का स्वच्छ रखते हुए विकास की धारा को निर्बाध रूप से आगे बढ़ाते रह सकते हैं।
एके शर्मा ने अधिकारियों के साथ की वर्चुअल बैठक, दिए सख्त निर्देश
उद्घाटन सत्र में बीईई के सचिव आरके राय ने उत्तर प्रदेश राज्य के लिए ऊर्जा दक्षता लक्ष्यों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कार्ययोजना के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के द्वारा ही निर्धारित लक्ष्यों तक पहुंचा जा सकता है। वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव आशीष तिवारी ने उत्तर प्रदेश राज्य के लिए ऊर्जा दक्षता विजन 2030 प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम मंद वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह, क्षेत्रीय विशेषज्ञ, यूपीनेडा के सचिव अनिल कुमार, निदेशक यूपीनेडा के भवानी सिंह आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे।