लखनऊ: उत्तर प्रदेश (UP) के प्रमुख शहरों में जुमे की नमाज (Namaz) और ‘अग्निपथ’ योजना (Agneepath scheme) के विरोध में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जाएगी। जहां शुक्रवार की नमाज के लिए राज्य भर में पुलिस (Police) को हाई अलर्ट पर रखा गया है, वहीं सरकार ने किसी भी छिटपुट विस्फोट को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर अतिरिक्त राज्य और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है। साथ ही राज्य (UP) में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएसी की 200 और रैपिड एक्शन फोर्स की 50 कंपनियों को भी तैनात किया गया है।
प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद और सहारनपुर में सुरक्षा पर विशेष फोकस है। 10 जून को कुछ जिलों में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के मामले में अब तक नौ जिलों में 357 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी डीएस चौहान ने वरिष्ठ पुलिस व जिला अधिकारियों से कहा है कि शुक्रवार को किसी भी तरह की ढिलाई बरतने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एक गृह अधिकारी ने कहा कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक नेताओं के साथ सहयोग और संवाद करें।
अब फ्रांस में भी जल्द शुरू होगा UPI से भुगतान
सभी संवेदनशील जगहों पर जरूरत के मुताबिक सीसीटीवी, वीडियो कैमरा और ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। एडीजी, कानून और व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने कहा कि 53 जिलों की पहचान दो श्रेणियों के तहत की गई है: अति संवेदनशील और संवेदनशील।
24 अति संवेदनशील जिलों में प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, अंबेडकर नगर, अयोध्या और वाराणसी हैं जबकि 29 संवेदनशील जिलों में एटा, मैनपुरी, कन्नौज, बाराबंकी और अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा, “ये 53 जिले शुक्रवार को डीजीपी मुख्यालय की निगरानी में रहेंगे। ड्रोन का इस्तेमाल अतिसंवेदनशील जिलों की संकरी गलियों और गलियों में निगरानी के लिए किया जाएगा।”