लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सदन के तीसरे दिन प्रदेश का बजट (UP Budget) पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट में जन विकास के सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा है। सदन में प्रस्तुत बजट (UP Budget) में सरकार ने औद्योगिक विकास के लिए अनेक सुधारात्मक योजनाओं के साथ-साथ एक्सप्रेसवेज के किनारों को रोजगार सर्जन के क्षेत्रों से जोड़ने की योजना शामिल किया है।
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए बताया कि आईटी० आई०टी०ई०एस० डेटा सेन्टर, ई०एस०डी०एम० डिफेंस एवं एयरोस्पेस इलेक्ट्रिक वाहन वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एम०एस०एम०ई० सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिये लगभग 25 नीतियां प्रख्यापित की गयी हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश में समेकित औद्योगिक विकास के लिये एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए गये हैं।
बताया कि प्रदेश में त्वरित परिवहन के दृष्टिगत कई एक्सप्रेसवेज का निर्माण किया जा रहा है। इससे प्रदेश में द्रुत परिवहन के साथ-साथ एक्सप्रेसवेज के दोनों तरफ औद्योगिक/व्यावसायिक गतिविधियां तेज होगी, जो प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायक होगी।
पांच लाख रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से प्रदेश में बनाये जा रहे एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक गलियारों के सृजन का निर्णय लिया गया है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलने के साथ-साथ प्रदेश में औद्योगिक विकास का वातावरण बनेगा, जिससे भविष्य में और अधिक विकारा के रास्ते खुलेगें।
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वित्त मंत्री ने बताया प्रदेश के एक्सप्रेसवे के किनारों को औद्योगिक निर्माण के अनुरुप बनाने की योजना को भी बजट में रखा है। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के किनारे छह स्थानों पर औद्योगिक निर्माण संकुल बनाने का निर्णय लिया गया है। इनमें से चार संकुल पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे तथा दो संकुल बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे बनाये जाने प्रस्तावित है।
बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा पहला इन्वेस्टर्स समिट फरवरी 2018 में आयोजित किया गया जिसमें प्राप्त निवेश प्रस्तावों के सापेक्ष लगभग चार लाख करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है।
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भारत में व्यवसाय में सुगमता की रैंकिंग में 12 स्थानों का उल्लेखनीय सुधार करते हुये उत्तर प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर आ गया है। सफलता के पश्चात राज्यों की अचीवर्स श्रेणी में सम्मिलित होना इसका स्पष्ट प्रमाण है। प्रदेश में फार्मा पार्कों की स्थापना एवं विकास हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।