सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर चलते हुये योगी सरकार ने कोरोना महामारी का हवाला देते हुये उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडियेट परीक्षाओं को निरस्त करने का फैसला किया है। सरकार इससे पहले हाईस्कूल की परीक्षा को निरस्त करने का एलान कर चुकी है।
उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने गुरूवार को कहा कि 10वीं एवं 12वीं के परीक्षार्थियों को प्रोन्नत किए जाने का निर्णय लिया गया है लेकिन परीक्षार्थियों को अंक दिए जाने का जो फार्मूला दिया गया है वह अंतिम नहीं है। परीक्षार्थियों को अंक दिए जाने के फार्मूले के संबंध में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है जिसकी संस्तुति के आधार पर परीक्षार्थियों को अंक दिए जाने का अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
उन्होने कहा कि व्यापक छात्र-शिक्षक हित में तथा सत्र नियमित करने के मद्देनजर सरकार ने वर्ष 2021 में निर्धारित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा-12 की बोर्ड परीक्षा निरस्त कर दी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने परीक्षा कराने की तैयारी पूर्ण कर ली थी, मगर छात्रों व शिक्षकों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की प्राथमिकता के मद्देनजर हाईस्कूल की परीक्षा पूर्व में निरस्त की गई थी तथा आज इंटरमीडिएट की परीक्षा भी निरस्त कर विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने का अहम निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से हाई स्कूल के 29.94 लाख तथा इंटरमीडिएट के 26.10 लाख परीक्षार्थी लाभान्वित होंगे।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इण्टरमीडिएट की निरस्त हुयी परीक्षा के परीक्षाफलों को सम्बन्धित परीक्षार्थियों के कक्षा-10 की बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांकों एवं उनके कक्षा-11 के वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों के औसत के आधार पर तैयार कराया जायेगा। यदि कक्षा-11 के वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांक उपलब्ध नहीं होंगे तब उस स्थिति में कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांकों को लिया जायेगा।
इंटरमीडिएट के जिन संस्थागत एवं व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के उपर्युक्त प्राप्तांक उपलब्ध नहीं होंगे, उन्हें सामान्य रूप से प्रमोट कर दिया जायेगा तथा केवल कक्षोन्नति का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इंटरमीडिएट परीक्षा के सभी रजिस्टर्ड परीक्षार्थियों को आगामी इण्टरमीडिएट परीक्षा में अपनी इच्छा के अनुसार एक विषय में अथवा अपने सभी विषयों की परीक्षा में सम्मिलित होकर अपने अंको में सुधार करने का अवसर प्राप्त होगा तथा यह अंक इंटरमीडिएट परीक्षा के अंक ही माने जाएंगे।
डा शर्मा ने बताया कि हाईस्कूल की निरस्त हुयी परीक्षा के परीक्षाफलों को सम्बन्धित परीक्षार्थियों के कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों एवं उनके कक्षा-10 के प्री-बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांकों के औसत के आधार पर तैयार कराया जायेगा। हाईस्कूल के जिन संस्थागत एवं व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के उपर्युक्त प्राप्तांक उपलब्ध नहीं होंगे, उन्हे सामान्य रूप से कक्षा-11 में प्रमोट कर दिया जायेगा। हाईस्कूल परीक्षा के सभी रजिस्टर्ड परीक्षार्थियों को आगामी हाईस्कूल परीक्षा में अपनी इच्छा के अनुसार, एक विषय में अथवा अपने सभी विषयों की परीक्षा में सम्मिलित होकर अपने अंको में सुधार करने का अवसर प्राप्त होगा तथा यह अंक वर्ष 2021 की हाईस्कूल परीक्षा के ही अंक माने जाएंगे।
उन्होने कहा कि नव प्रोन्नत छात्र अपनी अगली कक्षा के पठन-पाठन पर पूर्ण मनोयोग से ध्यान दे सकते हैं,और सत्र नियमितीकरण के अंतर्गत अगली कक्षा में ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की जा सकती है तथा कक्षा बारहवीं के उत्तीर्ण छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने में सुलभता रहेगी।