लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप पीड़िता लखनऊ के सिविल अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। पीड़िता को देखने के लिए गुरुवार को उसकी मां और बहन पुलिस की कड़ी सुरक्षा में सिविल अस्पताल पहुंची है। हालांकि पीड़िता की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों ने लखनऊ के कमिश्नर मुकेश मेश्राम से उसकी हालत को देखते हुए दिल्ली ले जाने की सलाह दी है।
लखनऊ के सिविल अस्पताल के निदेशक डॉक्टर डीएस नेगी ने बताया कि पीड़िता की हालत बेहद गंभीर
इससे पहले लखनऊ के सिविल अस्पताल के निदेशक डॉक्टर डीएस नेगी ने बताया कि पीड़िता की हालत बेहद गंभीर है। उन्होंने बताया कि पीड़िता 90 फीसदी से ज्यादा जली हुई है। उन्होंने बताया कि मुलाकात के दौरान पीड़िता ने कुछ बातचीत भी की है। यहां प्लास्टिक सर्जन की देखरेख में पीड़िता का इलाज हो रहा है।
यह मामला उन्नाव जिले के बिहार थानाक्षेत्र का है। गुरुवार सुबह वह केस की सुनवाई के लिए रायबरेली के लिए घर से निकली। दुष्कर्म पीड़ित गांव भाटन खेड़ा में पैदल रेलवे स्टेशन जा रही थी। तभी आरोपित और उसके साथियों ने पीड़ित के ऊपर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी। अधिकारियों के मुताबिक पीड़ित 90 फीसदी तक झुलस गई है। पीड़ित ने पांच आरोपितों के नाम बताए हैं। पुलिस ने सभी आरोपिताें को हिरासत में ले लिया है।
23 साल की पीड़ित ने इसी साल मार्च में दो लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था
23 साल की पीड़ित ने इसी साल मार्च में दो लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था। जिन तीन लोगों को पकड़ा गया है, उनमें एक वह भी शामिल है, जिसके खिलाफ पीड़ित ने दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विक्रम वीर ने बताया कि हमें सुबह सूचना मिली थी। उसने आरोपितों के नाम बता दिए हैं। इस मामले में आरोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीम बनाई और सभी को पकड़ लिया गया।
अभी कुछ दिन पहले ही जेल से छूटकर बाहर आया था, जिसने अपने साथियों के साथ इस घटना को अंजाम दिया
पीड़ित के परिजनों का कहना है कि पहले भी कई बार आरोपिताें ने धमकी दी थी। इसकी सूचना थाने पर दी गयी थी लेकिन शुरुआत में पुलिस ने अनसुना कर दिया। इससे आरोपितों के हौसले बढ़ गये और उन्होंने इस ताजा घटना को अंजाम दे दिया। इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश है। इसी साल मार्च में दो युवकों ने इस लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। इसमें एक आरोपित अभी भी पुलिस पकड़ से बाहर है। दूसरा आरोपित अभी कुछ दिन पहले ही जेल से छूटकर बाहर आया था, जिसने अपने साथियों के साथ इस घटना को अंजाम दिया।
उन्नाव पीड़िता के स्वास्थ्य समाचार से मन आहत है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पीड़िता जल्द स्वस्थ हो।
कल भाजपा सरकार का बयान था यूपी में सब ठीक है। आज एक बयान और आया। लेकिन क़ानून व्यवस्था के बारे में झूठी बयानबाज़ी व झूठा प्रचार करने की ज़िम्मेदारी CM और उप्र सरकार की ही है।#Unnao
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 5, 2019
प्रियंका ने किया ट्वीट कर जताया आक्रोश
इस घटना के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने आक्रोश जताया है। उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा है कि कल देश के गृहमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साफ-साफ झूठ बोला कि यूपी की कानून व्यवस्था अच्छी हो चुकी है। हर रोज ऐसी घटनाओं को देखकर मन में रोष होता है। भाजपा नेताओं को भी अब फर्जी प्रचार से बाहर निकलना चाहिए।
कल देश के गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साफ-साफ झूठ बोला कि यूपी की क़ानून व्यवस्था अच्छी हो चुकी।
हर रोज ऐसी घटनाओं को देखकर मन में रोष होता है। भाजपा नेताओं को भी अब फर्जी प्रचार से बाहर निकलना चाहिए।https://t.co/XGqvqu7Dxd
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 5, 2019
सपा ने डीजीपी का मांगा इस्तीफा
वहीं सपा के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर उन्नाव में दुष्कर्म पीड़ित को जिंदा जलाने के प्रयास हत्या प्रदेश के जंगलराज का परिणाम! शर्म करें मुख्यमंत्री। तत्काल प्रभाव से डीजीपी इस्तीफा दें। जांच का ड्रामा नहीं कठोरतम दंडनात्मक कार्रवाई चाहिए। बेटी के उच्चतम उपचार की व्यवस्था, सुरक्षा की व्यवस्था करे सरकार।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी डीजीपी ओपी सिंह को भेजा नोटिस
हालांकि घटना के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी के डीजीपी ओपी सिंह से केस की विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली है। इसमें पीड़िता के केस दर्ज करवाने की तारीख से अब तक की कार्रवाई मांगी गई है। इसके साथ ही पूछा है कि यह भी बताएं कि रेप पीड़िता को सुरक्षा नहीं देने के लिए किन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है? इसके अलावा महिला आयोग ने डीजीपी से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ पिछले तीन साल में हुए जघन्य अपराधों और उनमें दी गई जमानतों की रिपोर्ट भी तलब कर ली है। एनसीडब्ल्यू की तरफ से कहा गया है कि जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजें।
यूपी के डीजीपी को भेजे पत्र में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने लिखा है कि महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए तमाम कानून है। इसके बाद भी उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों से आयोग विचलित है।