नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते बिगड़ती स्थिति और टीकाकरण को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाने वाले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने निशाने पर लिया। एक के बाद एक किए गए ट्वीट में प्रसाद ने टीके की कमी का मुद्दा उठाने वाले कांग्रेस शासित प्रदेशों की सरकारों पर भी कई सवाल उठाए।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा, ‘भारत वैक्सीन कमी का सामना नहीं कर रहा है लेकिन श्री गांधी ध्यान न मिलने की कमी का सामना कर रहे हैं। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अभी तक वैक्सीन क्यों नहीं लगवाई है? यह लापरवाही है या वह इसे लेना नहीं चाहते या अपनी कई विदेश यात्राओं में से किसी एक के दौरान वह टीका ले चुके हैं लेकिन बताना नहीं चाहते।’
After failing as a part-time politician, has Rahul Gandhi switched to full time lobbying? First he lobbied for fighter plane companies by trying to derail India’s acquisition programme. Now he is lobbying for pharma companies by asking for arbitrary approvals for foreign vaccines
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) April 9, 2021
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को यह हर हालत में जान लेना चाहिए कि कांग्रेस शासित राज्यों में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है बल्कि उनमें स्वास्थ्य सेवा की ओर साधारण प्रतिबद्धता की कमी है। उन्हें अपनी पार्टी की सरकारों को लिखना चाहिए कि वसूली का काम बंद करें और उन लाखों वैक्सीनों को लगावाना शुरू करें जिनपर वह आसन जमाए बैठे हैं।
After failing as a part-time politician, has Rahul Gandhi switched to full time lobbying? First he lobbied for fighter plane companies by trying to derail India’s acquisition programme. Now he is lobbying for pharma companies by asking for arbitrary approvals for foreign vaccines
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) April 9, 2021
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी के खिलाफ जंग कोई एक खेल नहीं है। टीकाकरण के अतिरिक्त जांच, ट्रेसिंग और इलाज पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत रहती है। राहुल गांधी की समस्या यह है कि उन्हें ये सब चीजें समझ में नहीं आती हैं। अपनी अज्ञानता को वह अपने अहंकार से और बढ़ा लेते हैं और यही उन पर भारी पड़ जाता है।
रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने सवाल किया कि एक अंशकालिक राजनीतिज्ञ के तौर पर नाकाम रहने के बाद क्या अब वह पूर्णकालिक पैरवी करने वाले बन गए हैं? पहले उन्होंने भारत के अधिग्रहण कार्यक्रम को भटकाने की कोशिश करके लड़ाकू विमान कंपनियों की पैरवी की। अब वह विदेशी वैक्सीनों के लिए अनुमति की मांग करके फार्मा कंपनियों की पैरवी कर रहे हैं।